14 अगस्त 2022
51 फ़ॉलोअर्स
My hobbies is writingD
<div>जिंदगी अनमोल है, जीने के लिए</div><div> &
<div>ताजमहल जैसा अकेलापन,</div><div><br></div><div> अब&n
<div>मुझे अपनी जिंदगी खुलकर जीना है,</div><d
<div> फिर कोई हमें ख़्वाब दिखाने,</div><div>
<div> यह कैसी आग लगी है,</div><div> &n
<div> 💕 इतनी भीड़ में &
<div>कुछ इस कदर उनके,</div><div> प्रेम में&n
<div> समाज के सभी बच्चों को
<div>कोई उम्र न थी खिलौनों की,</div><div> बस एक ज़िद थी तुम्हें पानी की,</div><div> 
<div>आज बहुत सोचने के बाद यह &nbs
<div>हाले दिल अपना दर्द,</div><div>
<div> आत्मविश्वास अपने आप में एक  
<div> मन में करती हूं कल्पना आप
<div>स्याहि तो मैं खुद थीं,</div><div> जो कभी 
<p> घर का भेदी,</p> <p>
<div>नमस्कार दोस्तों आज में आप सबके&nb
<div>नारी कि शक्ति ना जानों तुम,</div><div>
<div>अभी तक आपने कहानी में पढ़ा कि
<div> ....... आशा ओर निराशा दोनों,</div><div> &nbs
<div>माँ कि छवि हर एक रूप में है.</div><div>उसके प्यार कि झलक मेरे हर मीठे बोल में है.</div><div>बस
<div>आज मैं फिर इस सोच में</div><div>पड़ गई लड़की बनकर कितना</div><div>गम सहे गई भुली अपनी हर</div><di
<div>कुछ इस कदर छाया हम</div><div>पर उसके प्यार का रंग</div><div>बदल गए हमारे जीने के</div><div>ढंग
<div>कहीं धुप तो कहीं छाया</div><div>बस साथ रहता मेरे मेरा</div><div>साया मैंने अपने साथ</div><div>स
<div>मेरी मोहब्बत उसको रास</div><div>नही आती हर वक़्त मुझे</div><div>उसकी याद सताती उसकी</div><div>बे
<div>बांवरा मन देखने चला</div><div>एक सपना सपने में मिला</div><div>उसे कोई अपना सपने में भिगोएं</div
<div>आज तक घर बैठी</div><div>चूल्हा फुकती रही</div><div>किसी ने न समझी</div><div>मेरी बेबसी बनाया</d
<div>मोबाइल ने छीन ली</div><div>लाखों लोगों की स्माइल</div><div>जब से आया मोबाइल फ़ोन</div><div>जिंदग
<div>पंख होते तो मैं</div><div>उड़ जाती दूर आसमां</div><div>को छु आती अपनी</div><div>तन्हाई को हमेशा
<div>सफऱ बीच में रुक सा</div><div>जाता है जब कोई अपना</div><div>छोड़कर चला जाता है</div><div>याद आती
<div>जैसे जैसे शाम ढलती गई</div><div>चिड़िया अपने घोंसले में</div><div>जाती गई रात के अंधेरे में</div
<div>मन कि बात कोई</div><div>जान नही पाता हर</div><div>कोई हम पर नया इल्जाम</div><div>लगा जाता हम नह
<div>आज फिर एक भुल कर</div><div>बैठी मैं एक आम इंसान</div><div>को खुदा समझ बैठी मैं</div><div>जब हुआ
<div>स्याही से लिखी मेरी</div><div>कहानी पानी कि तरह</div><div>बहे गई मैं लड़की बनने</div><div>का गम
किसान का जीवन कितना साधामेहनत में निकलता है दिन आधामिलती नही इन्हें श्रमिक कि मजदूरीकितनी बेबस है इनकी मजबूरीअपना हक पाने को करते है यह आंदोलनइन पर अत्याचार करते है कानूनराजनीती में इनका कोई बोलबाला न
मैंने जीना सीखा लोगों के तानो सेआगे बढ़ना सीखाखुद के तरीके से जीनासीखा अपने हौसलों को करमजबूत मैंने भी आगे बढ़ना सीखा कदम -कदम पर डगमगा गएमेरे कदम पर मैंने न
तेरा मेरा अनमोल प्यार तु है मेरा जिगरी यार दे गया मुझे वो अनमोल उप
इस चमचमाती रात में, उनकी हर बात में, मैं इस तरह ग़ुम हो जाती हूँ, कि रहता नहीं मुझे कुछ भी याद, बस में उनकी या
भेदभाव ना कर बेटा बेटी मेंहमेशा बेटियां खड़ी है इसकसौटी जी जिंदगी में ना बनानवाब पटौती बेटों को बस बेटियां हीखड़ी है माँ बाबा कि सेवा में ना डाल उनकेपैरों में यह भेदभाव कि बेड़िया बेटी ने हीसंभाल र
एक लड़की ने क्या नहीं बनाया नरक से स्वर्ग बनाया घर को एक मंदिर बनाया और तुम लड़को ने हम पर यह इल्जाम लगाया कि &
मेरे दोस्त मेरे हमदम तुझको है मेरे प्यार कि कसम ना कर मुझ पर इतना सितम घुटता है हर पल मेरा दम चलते -
दिल कि बात उनसेकही नहीं जाती जागते -जागतेसारी रात कट जाती उनका मासूमचेहरा हर पल उनकी याद दिलातीछाता लेकर बारिश में "मैं "उनसे मिलनेजाती दुर खड़ी आँखे उनसे टकरा जातीदिल कि बात बताने मैं मुझे उनसे बहुतला
कब तक लिखती रही में अपने बारे में सबको बतलाती रहीना की किसी ने कभी मेरी कदरजबकि सबकी कदर करती रही मेंना देखा कभी मैंने खुद को किसीआईने अपनी जगह सबको सवारतीरही में रखा हमेशा खुद को इतनापीछे की हमे
भाई की कलाई परअपना प्यार बांधुअपने जैसा भाई औरहर जगह ढूंढो सब रक्षाकरे अपनी और हम सबबहनों की इस रक्षाबंधनऐसा भाई रब से हर किसीके लिए मांगु.......
🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 हर घर तिरंगा लहराया आजादी का दौर फिर से आया इस जश्न ने सबको फिर एक साथ मिलवाया आजादी का दौ
हर घर तिरंगा लहराया आजादी का दौर फिर से आया इस जश्न ने सबको फिर एक साथ मिलवाया आजादी का दौर फिर से आया हर वीर ने अपने खून&
इस गणेश चतुर्थी करेगे हम सब साथ खूब मस्ती बनाएंगे आलू की सब्जी और कचौड़ी खस्ती नाचेंगे सब एक साथ
जब से आया सोशल मिडियाकाम हो गया सबका और बढ़ियादेखते ही देखते घर बैठे हो गये सारेकाम सोशल मिडिया पर बैठ कर करतेलोग अब आराम सुबह से हो जातीशाम कभी फ़ोन तो कभी कम्प्यूटर परलोग करते दिनभर बात आज इसकी संख्या
करते हम सब ध्यान योग दुर हो जाते हर रोग बात है यह सौ प्रतिशत सच कहते सब लोग आओ मिलकर करे हम यह योग आओ मिलकर दुर करे अपने सब रोग प्रण ले हम
हर जगह नारीवाद का नारा है यह देश हमारा है यहां होती है हर नारी की पूजा उसके बिना ना हमारा कोई और दूजा सब जगह इन्ही का बोलबोला है यहां हर मर्द इन्ही का रखवाला है जातिवाद ने जब किया इन पर अपना प्रहार तो
डॉक्टर.ए. पी. जे अब्दुल कलामको मेरा बहुत बहुत नमन सलामकिया हम सब के लिए उसने इतनाअनेक काम हर बड़े और बच्चों केमन में बसे उनके जैसा कर दिखानेका हो हुनर हम सब बच्चे के हर सपनेपुरे हुये एक ख्वाब बनकर किया
डॉक्टर ए. पी. जे अब्दुल कलामको मेरा बहुत बहुत नमन सलामकिया हम सब के लिए उसने इतनाअनेक काम हर बड़े और बच्चों केमन में बसे उनके जैसा कर दिखानेका हो हुनर हम सब बच्चे के हर सपनेपुरे हुये एक ख्वाब बनकर किया
जब एक लड़की के रूपमें जन्मी वृंदा तब उनकाविवाह हुआ दानव के राजाजालंधर से जो एक राक्षस थे गाँव के लोग उनसे भयभीत थेइसे बचके के लिए वह सबभगवान विष्णु के पास जायाकरते थे जलधर की पत्नी वृदाउनकी बहुत स