यह मेरी अनुभव की कहानी है
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वाह वाह NIKKY वाह
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<div> यह उन दिनों की बात है, जब&nb
<div>बाबूजी के जानें से घर की &nbs
<div> तेरी दुल्हन बनने को हूँ,</div><div> &
<div>एक अजनबी सी लगती,</div><div> हैं, जिंदगी मुझे, कभी&nb
<div> ज़ब त्यौहार बीत जाते है,</div><div> तो&n
<div>काश में भी लड़की ना होती,</div><div> काश में 
<div>त्यौहार की यादें कितनी मिठास,</div><div> दें जाती 
इस गणेश चतुर्थी करेगे हम सब साथ खूब मस्ती बनाएंगे आलू की सब्जी और कचौड़ी खस्ती &nbs
जब समाज का निर्माण हुआ जब शिक्षक का जन्म हुआ शिक्षक ने सिखाया बड़ो का आदर सम्मान करना कभी अपने से बड़ो का अपमान मत करना खूब लिखना प