इस चमचमाती रात में,
उनकी हर बात में, मैं इस
तरह ग़ुम हो जाती हूँ, कि
रहता नहीं मुझे कुछ भी याद,
बस में उनकी याद में खो जाती
हूँ, रात में नींद नहीं आती में दूर
कही सपने में खो जाती हूँ, चलते
चलते थक जाते है, मेरे कदम
सपने में उन्हें इतना दूर मैं ढूंढने
निकल जाती हूँ, इसी तरह चमचमाती
रात में , मैं अक्सर उनसे टकरा जाती हूँ.........