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पुस्तक लेखन प्रतियोगिता एक लड़की का दर्द

7 नवम्बर 2021

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अभी  तक    आपने   कहानी   में  पढ़ा   कि   इन्दु  के   पति  से  उसकी   अनबन   शुरू   हो  चुकी   थीं  अब   आगे   कि  कहानी   जारी  है.
     जब  भी  में   आपने   मायके  या  बाहर  जाती,  तो  मेरे   पति  को   मुझपर  गुस्सा   आ  जाता  वह  मुझसे   ऐसा   व्यवहार   लगा   जैसे   कि   कोई   पत्नि   पर  शक  करता  हो उन्हें   लगता   था  कि,  में  घर   जाकर  उनकी   शिकायत  करने  जाती   हूं.  दिन  व  दिन   ऐसे   ही   घर  में  क्लश  होते  रहतें |
   शादी   टूटने  के  कारण -   मेरे  शादी  टूटने  के  बहुत  से  कारण   थें.  अपने  ससुराल   आते  ही   साथ  मैंने  यह  महसूस  किया  कि मुझसे   हर   बात   छुपाई   जा  रही  है.  जैसे  मेरे  पति  का  काम  पर  ना  जाना  मुझसे   पहला  झुठ   यहीं  बोला  गया  कि   मेरे  लड़के  का  साबुन  का  बिजनेस  है,  मेरा  पति  मुझे  कभी  भी  काम  पर  जाते  हुये  नही  दिखा  |   मुझे   मेरे   ससुराल   वाले कहीं   भी    अपने  साथ   नहीं  लें  जाते  थें.  मैंने  जब  यह  बात उनसे  पूछी  तो   उन्होंने  यह   कहां  कि  हमारे  घर  कि  बहु ज़्यादा  कहीं  बाहर  नहीं  जाती  |   हमारे   यहां   का    रिवाज़   तुम्हें  मानना  होगा  दूसरी   ऒर   मेरी  सांसु  माँ   कि    यह   दूसरी   शादी   है,  इससे   पहले   में   उनसे  ऒर  कुछ  पुछती.   मुझे  समझ    नहीं   आ  रहा  था  कि  मुझसे  इतना  सब  कुछ  क्यों  छुपाया  जा  रहा  है.   मैंने  यह   बात  कभी  अपने   घरवालों   को   नहीं   बताया.  जब  मेरे   पति   काम   पर  नहीं  जातें  तो, वो  जातें  कहां  हैं.   इन   सब   बातों  का  असर   मेरे   दिमाग़   पर   पड़ता   ही  जा  रहा  था  |     "मैं "    दिमागी   रूप   से  क़मजोर   होती  जा  रही  थी,   इन  सब   बातों   को  लेकर  दिन  व  दिन  उलझती  ही  जा  रहीं  थीं   इस   बात  से  परेशान  होकर   में,   अक्सर   अपने  मायके  चली   जाती थीं.  बहुत  बार  कोशिश  कि  अपनी   मम्मी  से  सब  कहनें  कि  पर,  उन्हें  टेंशन  देना  नहीं   चाहती  थीं.  इस  वजह  से  में  चुप  ही  रहीं.
   वहीं  एक  ऒर मन  में  यह  उलझन  भी  थीं  कि, मैं  इतना  पढ़  -  लिख   कर  भी  यह  सब  क्यों  झेल  रहीं  हूँ.   पर   में   करती  भी  तो  क्या, हर  लड़की   अपनी  घर  कि  गृहस्थी  को   उजड़ने   से   बचाती  हैं,  उसे   सजोग  कर  रखती  हैं.   इसलिए  मैंने  भी  यह   सब  कुछ  हँस   कर  सहती  चली  गई .  फिर  आये   दिन  मेरे  ससुराल   वाले   मेरी   फैमिली  से  डिमांड  करने  लगें |     ऐसे   डिमांड  जो  सही  न  थीं.  मेरी   फैमिली  ने  बहुत  ज्खर्चा  किया  था,  मेरी  शादी  में.  फिर  भी  उनकी   यह  मांग  क्यों  खत्म  न  होनें  का  नाम  नहीं  लें  रहीं  थीं. इस  बात   को   लेकर   अक्सर  मेरे  ससुरालवालों  से  भी  मेरा  आये  दिन  झगड़ा  हो  जाता.  मेरी  चुप्पी  को  वह  मेरी  ख़ामोशी  समझ  कर  मुझ  पर  और  अन्याय  करने  लगें इस  बात   से  में  अंदर  से  और  टूट  गई  बहुत  क़मजोर  पड़  गयीं. एक  दिन   उन्होंने  कहां   कि   हमारे  यहां  तुम्हारें  रहनें  कि  कोई   जगह  नहीं  हैं,  सारा  सामान  उठा कर  अपने  घर  वापस  चली  जाओं  उनकी   यह   बात  मेरे  दिल  पर  चुभने  लगीं,  आखिर   मैंने  ऐसा  क्या  कर  दिया  जो  इन्होने  मुझे  ऐसा  बोल  दिया. पर  मैंने  वहां  से  चलें  जाना  ही  समझदारी  समझी.  अगर   में   वहां  ओर  रहतीं  तो क्या  सुरक्षित  रहतीं .  पर  मेरा  घर  आना  भी  उन्हें  रस  ना  आया |  एक  हफ्ते  बाद मुझे  वापस  यह  बोलकर  कि  मेरे  पति  का  एक्सीडेंट  हो  गया  हैं,  मुझे  वापस  ससुराल  बुलवा लिया  गया. यह  खबर  सुनकर  तुरंत  ही   में, वापस  अपने  ससुराल  आ  गई   पर  यहां  आने  के  बाद   मुझे  सब   बदला -  बदला  सा  नजर   आने  लगा  मेरे  पति  मेरे  ससुरालवाले  मुझसे  बहुत  अच्छे  से  बात  करने  लगें  उनकी  इस  अच्छाई  से  में  उनके  पीछे  छुपे  साजिश  व चाल  को  नहीं  समझ  पायी  एक  दिन  अपने  पति  के  साथ  घूमने  गई  
  हादसा  -    मैं   ओर   मेरे  पति  शादी  के  बाद किसी  के  यहां खाने  पर  जा  रहें  थें  तभी  अचानक  हमारे  साथ  एक  हादसा  हो  गया. एक  दूर  से  आ  पास  आ  रहीं   ट्रक  ने   हमारी  कर   पर  टक्कर  दें  मारी  इस  हादसे   ने   मेरी  पुरी  जिंदगी  बदल  दी.  मेरे  पति  जो  कि  इस  हादसे  से  बच  निकले  मुझे  छोड़कर  चलें  गयें  इस  एक्ससिडेंट  से  पुरी  पुरी  बॉडी  पुरी  तरह  से  डैमीज़  हो  गई .
   जैसे  -  तैसे   मुझे  अस्पताल  पहुंचाया  गया . करीब   चार  घंटे  बाद  होश  आने  पर  मैंने  अपने  पास   किसी  भी  अपने  करीबी  को  नहीं  पाया तो  आँखो  से  आंसू  टपक  पड़े.  तभी   एक  आवाज़  सी  सुनाई  दी . जो   मेरी  मम्मी   कि  आवाज़  थीं,  उनकी   आवाज़  सुनकर   बहुत  अच्छा  महसूस  हुआ  मुझे  उठने  कि  कोशिश   कि  तो   अपने  आपको  बेजान  सा  पाया  दोनों  पैर  कटे  हुये  थें,  पुरी  बॉडी  सून  सी  पड़ी  हुई  थीं .
      डॉक्टर   का  कहना  था  कि  अब  में   कभी  भी  अपने  पैरों   नहीं  खड़ी  हो  पाऊंगी .  यह   सुनकर  सांसे   थम  सी  गई  लगभग   एक  महीने  तो  अस्पताल  में  ही  रहीं.
      डॉक्टर   का  कहना  था,  कि  अब  में  जिंदगी  भर  व्हीलचेयर   पर  रहूंगी  क्यूंकि   आपकी  बेटी  के  कमर  के  नीचे  का  हिस्सा  पुरी  तरह  से  डैमीज़  हो  चुका   हैं,  इस  वजह  से   यह   कभी  अपने  पैरों  पर  खड़ी  नहीं  हो  सकती   मुझे   यह   कहकर  अस्पताल  से  डिस्चार्ज   कर  दिया  गया  घर  आते  ही  साथ  मैंने  खुद  को  एक  कमरे  में बंद  कर दिया  क्यूंकि   मैं   किसी  को  भी  फैंस   नहीं  कर  पर  रहीं  थीं .   घर  आते  ही  सब  रिश्तेदारों  का  घर   आना  शुरू  हो  गया .   कहते   हैं,  ना  कि  माँ  बाँप  आपके  भगवान   सामान  होते  हैं,  उन्होंने  हमेशा   मेरा साथ  दिया   एक  छोटे  से  बच्चें  कि  तरह  मेरी  माँ  ने  फिर  मेरी  देखभाल   कि  मेरा  हौसला  बढ़ाया  मुझे  आगे  बढ़ने  कि  हिम्मत  दी   |   अब   मेरे  हर  काम  व्हीलचेयर  पर  शुरू  ओर  खत्म  होते  हैं   इसी   बैशाखी   के  सहारे   अब  मैंने  अपनी   पुरी  जिंदगी  गुजार  देनी  हैं.  इस    हादसे  के  बाद  मेरे  ससुराल  से  कोई  भी  मुझसे  मिलने  ना  आया. 
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जिंदगी अनमोल है

15 सितम्बर 2021
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<div>जिंदगी अनमोल है, जीने के लिए</div><div> &

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ताजमहल

18 सितम्बर 2021
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<div>ताजमहल जैसा अकेलापन,</div><div><br></div><div> अब&n

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जिंदगी

1 अक्टूबर 2021
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<div>मुझे अपनी जिंदगी खुलकर जीना है,</div><d

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मेरी शायरी

2 अक्टूबर 2021
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<div> फिर कोई हमें ख़्वाब दिखाने,</div><div>

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नशा

6 अक्टूबर 2021
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<div> यह कैसी आग लगी है,</div><div> &n

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तन्हा

7 अक्टूबर 2021
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<div> 💕 इतनी भीड़ में &

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प्रेम

18 अक्टूबर 2021
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<div>कुछ इस कदर उनके,</div><div> प्रेम में&n

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शिक्षा 🙏

19 अक्टूबर 2021
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<div> समाज के सभी बच्चों को

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उम्र

19 अक्टूबर 2021
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<div>कोई उम्र न थी खिलौनों की,</div><div> बस एक ज़िद थी तुम्हें पानी की,</div><div>&nbsp

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शब्द

19 अक्टूबर 2021
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<div>आज बहुत सोचने के बाद यह &nbs

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दर्द

20 अक्टूबर 2021
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<div>हाले दिल अपना दर्द,</div><div>

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आत्मविश्वास

24 अक्टूबर 2021
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<div> आत्मविश्वास अपने आप में एक &nbsp

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कल्पना

26 अक्टूबर 2021
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<div> मन में करती हूं कल्पना आप

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स्याहि

26 अक्टूबर 2021
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<div>स्याहि तो मैं खुद थीं,</div><div> जो कभी&nbsp

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घर का भेदी

1 नवम्बर 2021
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<p> घर का भेदी,</p> <p>

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पुस्तक लेखन प्रतियोगिता ) एक लड़की का दर्द

1 नवम्बर 2021
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<div>नमस्कार दोस्तों आज में आप सबके&nb

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नारी कि शक्ति

2 नवम्बर 2021
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<div>नारी कि शक्ति ना जानों तुम,</div><div>

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नारी कि शक्ति

2 नवम्बर 2021
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<div>नारी कि शक्ति ना जानों तुम,</div><div>

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पुस्तक लेखन प्रतियोगिता एक लड़की का दर्द

7 नवम्बर 2021
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<div>अभी तक आपने कहानी में पढ़ा कि

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आशा ओर निराशा

9 नवम्बर 2021
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<div> ....... आशा ओर निराशा दोनों,</div><div> &nbs

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मेरी आदर्श माँ

12 नवम्बर 2021
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<div>माँ कि छवि हर एक रूप में है.</div><div>उसके प्यार कि झलक मेरे हर मीठे बोल में है.</div><div>बस

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एक लड़की का दर्द

23 नवम्बर 2021
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<div>आज मैं फिर इस सोच में</div><div>पड़ गई लड़की बनकर कितना</div><div>गम सहे गई भुली अपनी हर</div><di

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प्यार का रंग

24 नवम्बर 2021
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<div>कुछ इस कदर छाया हम</div><div>पर उसके प्यार का रंग</div><div>बदल गए हमारे जीने के</div><div>ढंग

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कहीं धुप तो कहीं छाया

24 नवम्बर 2021
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<div>कहीं धुप तो कहीं छाया</div><div>बस साथ रहता मेरे मेरा</div><div>साया मैंने अपने साथ</div><div>स

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मोहब्बत

24 नवम्बर 2021
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<div>मेरी मोहब्बत उसको रास</div><div>नही आती हर वक़्त मुझे</div><div>उसकी याद सताती उसकी</div><div>बे

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बांवरा मन

26 नवम्बर 2021
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<div>बांवरा मन देखने चला</div><div>एक सपना सपने में मिला</div><div>उसे कोई अपना सपने में भिगोएं</div

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आत्मनिर्भर स्त्री

26 नवम्बर 2021
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<div>आज तक घर बैठी</div><div>चूल्हा फुकती रही</div><div>किसी ने न समझी</div><div>मेरी बेबसी बनाया</d

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मोबाइल फ़ोन

27 नवम्बर 2021
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<div>मोबाइल ने छीन ली</div><div>लाखों लोगों की स्माइल</div><div>जब से आया मोबाइल फ़ोन</div><div>जिंदग

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पंख

27 नवम्बर 2021
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<div>पंख होते तो मैं</div><div>उड़ जाती दूर आसमां</div><div>को छु आती अपनी</div><div>तन्हाई को हमेशा

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सफऱ

29 नवम्बर 2021
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<div>सफऱ बीच में रुक सा</div><div>जाता है जब कोई अपना</div><div>छोड़कर चला जाता है</div><div>याद आती

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ना आना इस देश लाडो

29 नवम्बर 2021
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<div>जैसे जैसे शाम ढलती गई</div><div>चिड़िया अपने घोंसले में</div><div>जाती गई रात के अंधेरे में</div

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मन कि बात

30 नवम्बर 2021
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<div>मन कि बात कोई</div><div>जान नही पाता हर</div><div>कोई हम पर नया इल्जाम</div><div>लगा जाता हम नह

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भुल

2 दिसम्बर 2021
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<div>आज फिर एक भुल कर</div><div>बैठी मैं एक आम इंसान</div><div>को खुदा समझ बैठी मैं</div><div>जब हुआ

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एक थी दामिनी

6 दिसम्बर 2021
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<div>स्याही से लिखी मेरी</div><div>कहानी पानी कि तरह</div><div>बहे गई मैं लड़की बनने</div><div>का गम

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किसान

8 फरवरी 2022
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किसान का जीवन कितना साधामेहनत में निकलता है दिन आधामिलती नही इन्हें श्रमिक कि मजदूरीकितनी बेबस है इनकी मजबूरीअपना हक पाने को करते है यह आंदोलनइन पर अत्याचार करते है कानूनराजनीती में इनका कोई बोलबाला न

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मैंने जीना सीखा

28 फरवरी 2022
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मैंने जीना सीखा लोगों के तानो सेआगे बढ़ना सीखाखुद के तरीके से जीनासीखा अपने हौसलों को करमजबूत मैंने भी आगे बढ़ना सीखा कदम -कदम पर डगमगा गएमेरे कदम पर मैंने न

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तेरा मेरा अनमोल प्यार

2 मार्च 2022
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तेरा मेरा अनमोल प्यार तु है मेरा जिगरी यार दे गया मुझे वो अनमोल उप

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चमचमाती रातें

20 अप्रैल 2022
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इस चमचमाती रात में, उनकी हर बात में, मैं इस तरह ग़ुम हो जाती हूँ, कि रहता नहीं मुझे कुछ भी याद, बस में उनकी या

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भेदभाव

31 मई 2022
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भेदभाव ना कर बेटा बेटी मेंहमेशा बेटियां खड़ी है इसकसौटी जी जिंदगी में ना बनानवाब पटौती बेटों को बस बेटियां हीखड़ी है माँ बाबा कि सेवा में ना डाल उनकेपैरों में यह भेदभाव कि बेड़िया बेटी ने हीसंभाल र

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औरत ने क्या नहीं बनाया

3 जून 2022
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एक लड़की ने क्या नहीं बनाया नरक से स्वर्ग बनाया घर को एक मंदिर बनाया और तुम लड़को ने हम पर यह इल्जाम लगाया कि &

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मेरे दोस्त मेरे हमदम

15 जून 2022
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मेरे दोस्त मेरे हमदम तुझको है मेरे प्यार कि कसम ना कर मुझ पर इतना सितम घुटता है हर पल मेरा दम चलते -

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दिल कि बात

15 जून 2022
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दिल कि बात उनसेकही नहीं जाती जागते -जागतेसारी रात कट जाती उनका मासूमचेहरा हर पल उनकी याद दिलातीछाता लेकर बारिश में "मैं "उनसे मिलनेजाती दुर खड़ी आँखे उनसे टकरा जातीदिल कि बात बताने मैं मुझे उनसे बहुतला

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कब तक

9 अगस्त 2022
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कब तक लिखती रही में अपने बारे में सबको बतलाती रहीना की किसी ने कभी मेरी कदरजबकि सबकी कदर करती रही मेंना देखा कभी मैंने खुद को किसीआईने अपनी जगह सबको सवारतीरही में रखा हमेशा खुद को इतनापीछे की हमे

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रक्षाबंधन

10 अगस्त 2022
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भाई की कलाई परअपना प्यार बांधुअपने जैसा भाई औरहर जगह ढूंढो सब रक्षाकरे अपनी और हम सबबहनों की इस रक्षाबंधनऐसा भाई रब से हर किसीके लिए मांगु.......

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हर घर तिरंगा

14 अगस्त 2022
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🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳🇮🇳 हर घर तिरंगा लहराया आजादी का दौर फिर से आया इस जश्न ने सबको फिर एक साथ मिलवाया आजादी का दौ

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हर घर तिरंगा

14 अगस्त 2022
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हर घर तिरंगा लहराया आजादी का दौर फिर से आया इस जश्न ने सबको फिर एक साथ मिलवाया आजादी का दौर फिर से आया हर वीर ने अपने खून&

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गणेश चतुर्थी

31 अगस्त 2022
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इस गणेश चतुर्थी करेगे हम सब साथ खूब मस्ती बनाएंगे आलू की सब्जी और कचौड़ी खस्ती नाचेंगे सब एक साथ

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सोशल मिडिया की ताकत

6 सितम्बर 2022
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जब से आया सोशल मिडियाकाम हो गया सबका और बढ़ियादेखते ही देखते घर बैठे हो गये सारेकाम सोशल मिडिया पर बैठ कर करतेलोग अब आराम सुबह से हो जातीशाम कभी फ़ोन तो कभी कम्प्यूटर परलोग करते दिनभर बात आज इसकी संख्या

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ध्यान योग

11 सितम्बर 2022
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करते हम सब ध्यान योग दुर हो जाते हर रोग बात है यह सौ प्रतिशत सच कहते सब लोग आओ मिलकर करे हम यह योग आओ मिलकर दुर करे अपने सब रोग प्रण ले हम

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नारिवाद

17 सितम्बर 2022
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हर जगह नारीवाद का नारा है यह देश हमारा है यहां होती है हर नारी की पूजा उसके बिना ना हमारा कोई और दूजा सब जगह इन्ही का बोलबोला है यहां हर मर्द इन्ही का रखवाला है जातिवाद ने जब किया इन पर अपना प्रहार तो

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डॉक्टर. ए. पी जे अब्दुल कलाम

15 अक्टूबर 2022
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डॉक्टर.ए. पी. जे अब्दुल कलामको मेरा बहुत बहुत नमन सलामकिया हम सब के लिए उसने इतनाअनेक काम हर बड़े और बच्चों केमन में बसे उनके जैसा कर दिखानेका हो हुनर हम सब बच्चे के हर सपनेपुरे हुये एक ख्वाब बनकर किया

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डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम

15 अक्टूबर 2022
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डॉक्टर ए. पी. जे अब्दुल कलामको मेरा बहुत बहुत नमन सलामकिया हम सब के लिए उसने इतनाअनेक काम हर बड़े और बच्चों केमन में बसे उनके जैसा कर दिखानेका हो हुनर हम सब बच्चे के हर सपनेपुरे हुये एक ख्वाब बनकर किया

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देवउठनी एकादशी तुलसी / विवाह

4 नवम्बर 2022
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जब एक लड़की के रूपमें जन्मी वृंदा तब उनकाविवाह हुआ दानव के राजाजालंधर से जो एक राक्षस थे गाँव के लोग उनसे भयभीत थेइसे बचके के लिए वह सबभगवान विष्णु के पास जायाकरते थे जलधर की पत्नी वृदाउनकी बहुत स

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