अभी तक आपने कहानी में पढ़ा कि इन्दु के पति से उसकी अनबन शुरू हो चुकी थीं अब आगे कि कहानी जारी है.
जब भी में आपने मायके या बाहर जाती, तो मेरे पति को मुझपर गुस्सा आ जाता वह मुझसे ऐसा व्यवहार लगा जैसे कि कोई पत्नि पर शक करता हो उन्हें लगता था कि, में घर जाकर उनकी शिकायत करने जाती हूं. दिन व दिन ऐसे ही घर में क्लश होते रहतें |
शादी टूटने के कारण - मेरे शादी टूटने के बहुत से कारण थें. अपने ससुराल आते ही साथ मैंने यह महसूस किया कि मुझसे हर बात छुपाई जा रही है. जैसे मेरे पति का काम पर ना जाना मुझसे पहला झुठ यहीं बोला गया कि मेरे लड़के का साबुन का बिजनेस है, मेरा पति मुझे कभी भी काम पर जाते हुये नही दिखा | मुझे मेरे ससुराल वाले कहीं भी अपने साथ नहीं लें जाते थें. मैंने जब यह बात उनसे पूछी तो उन्होंने यह कहां कि हमारे घर कि बहु ज़्यादा कहीं बाहर नहीं जाती | हमारे यहां का रिवाज़ तुम्हें मानना होगा दूसरी ऒर मेरी सांसु माँ कि यह दूसरी शादी है, इससे पहले में उनसे ऒर कुछ पुछती. मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझसे इतना सब कुछ क्यों छुपाया जा रहा है. मैंने यह बात कभी अपने घरवालों को नहीं बताया. जब मेरे पति काम पर नहीं जातें तो, वो जातें कहां हैं. इन सब बातों का असर मेरे दिमाग़ पर पड़ता ही जा रहा था | "मैं " दिमागी रूप से क़मजोर होती जा रही थी, इन सब बातों को लेकर दिन व दिन उलझती ही जा रहीं थीं इस बात से परेशान होकर में, अक्सर अपने मायके चली जाती थीं. बहुत बार कोशिश कि अपनी मम्मी से सब कहनें कि पर, उन्हें टेंशन देना नहीं चाहती थीं. इस वजह से में चुप ही रहीं.
वहीं एक ऒर मन में यह उलझन भी थीं कि, मैं इतना पढ़ - लिख कर भी यह सब क्यों झेल रहीं हूँ. पर में करती भी तो क्या, हर लड़की अपनी घर कि गृहस्थी को उजड़ने से बचाती हैं, उसे सजोग कर रखती हैं. इसलिए मैंने भी यह सब कुछ हँस कर सहती चली गई . फिर आये दिन मेरे ससुराल वाले मेरी फैमिली से डिमांड करने लगें | ऐसे डिमांड जो सही न थीं. मेरी फैमिली ने बहुत ज्खर्चा किया था, मेरी शादी में. फिर भी उनकी यह मांग क्यों खत्म न होनें का नाम नहीं लें रहीं थीं. इस बात को लेकर अक्सर मेरे ससुरालवालों से भी मेरा आये दिन झगड़ा हो जाता. मेरी चुप्पी को वह मेरी ख़ामोशी समझ कर मुझ पर और अन्याय करने लगें इस बात से में अंदर से और टूट गई बहुत क़मजोर पड़ गयीं. एक दिन उन्होंने कहां कि हमारे यहां तुम्हारें रहनें कि कोई जगह नहीं हैं, सारा सामान उठा कर अपने घर वापस चली जाओं उनकी यह बात मेरे दिल पर चुभने लगीं, आखिर मैंने ऐसा क्या कर दिया जो इन्होने मुझे ऐसा बोल दिया. पर मैंने वहां से चलें जाना ही समझदारी समझी. अगर में वहां ओर रहतीं तो क्या सुरक्षित रहतीं . पर मेरा घर आना भी उन्हें रस ना आया | एक हफ्ते बाद मुझे वापस यह बोलकर कि मेरे पति का एक्सीडेंट हो गया हैं, मुझे वापस ससुराल बुलवा लिया गया. यह खबर सुनकर तुरंत ही में, वापस अपने ससुराल आ गई पर यहां आने के बाद मुझे सब बदला - बदला सा नजर आने लगा मेरे पति मेरे ससुरालवाले मुझसे बहुत अच्छे से बात करने लगें उनकी इस अच्छाई से में उनके पीछे छुपे साजिश व चाल को नहीं समझ पायी एक दिन अपने पति के साथ घूमने गई
हादसा - मैं ओर मेरे पति शादी के बाद किसी के यहां खाने पर जा रहें थें तभी अचानक हमारे साथ एक हादसा हो गया. एक दूर से आ पास आ रहीं ट्रक ने हमारी कर पर टक्कर दें मारी इस हादसे ने मेरी पुरी जिंदगी बदल दी. मेरे पति जो कि इस हादसे से बच निकले मुझे छोड़कर चलें गयें इस एक्ससिडेंट से पुरी पुरी बॉडी पुरी तरह से डैमीज़ हो गई .
जैसे - तैसे मुझे अस्पताल पहुंचाया गया . करीब चार घंटे बाद होश आने पर मैंने अपने पास किसी भी अपने करीबी को नहीं पाया तो आँखो से आंसू टपक पड़े. तभी एक आवाज़ सी सुनाई दी . जो मेरी मम्मी कि आवाज़ थीं, उनकी आवाज़ सुनकर बहुत अच्छा महसूस हुआ मुझे उठने कि कोशिश कि तो अपने आपको बेजान सा पाया दोनों पैर कटे हुये थें, पुरी बॉडी सून सी पड़ी हुई थीं .
डॉक्टर का कहना था कि अब में कभी भी अपने पैरों नहीं खड़ी हो पाऊंगी . यह सुनकर सांसे थम सी गई लगभग एक महीने तो अस्पताल में ही रहीं.
डॉक्टर का कहना था, कि अब में जिंदगी भर व्हीलचेयर पर रहूंगी क्यूंकि आपकी बेटी के कमर के नीचे का हिस्सा पुरी तरह से डैमीज़ हो चुका हैं, इस वजह से यह कभी अपने पैरों पर खड़ी नहीं हो सकती मुझे यह कहकर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया घर आते ही साथ मैंने खुद को एक कमरे में बंद कर दिया क्यूंकि मैं किसी को भी फैंस नहीं कर पर रहीं थीं . घर आते ही सब रिश्तेदारों का घर आना शुरू हो गया . कहते हैं, ना कि माँ बाँप आपके भगवान सामान होते हैं, उन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया एक छोटे से बच्चें कि तरह मेरी माँ ने फिर मेरी देखभाल कि मेरा हौसला बढ़ाया मुझे आगे बढ़ने कि हिम्मत दी | अब मेरे हर काम व्हीलचेयर पर शुरू ओर खत्म होते हैं इसी बैशाखी के सहारे अब मैंने अपनी पुरी जिंदगी गुजार देनी हैं. इस हादसे के बाद मेरे ससुराल से कोई भी मुझसे मिलने ना आया.