दैननिन्दनी प्रतियोगिता
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डायरी 14/5/2022 कि कुछ खास नहीं लिखने को मेरे पास बस अपनी एक प्यार भरी कविता से आप सबको अपनी और खींच लेना चाहती हूँ। &nb
आप सभी दोस्तों को मेरा प्यार भरा नमस्कार उम्मीद है कि आप सभी अपने जीवन में मस्त और व्यस्त हो आज अपनी इस डायरी में "मैं" सबसे पहले अपनी उस माँ का जिक्र करुँगी जिसके बलबूते आज में इस मुकाम तक पहुं
आज फिर मैं अपनी डायरी लिखने बैठ गई इतना सोचने के बाद कि आज में अपनी इस डायरी में क्या नया लिखू। अपनी इस अनुभव कि डायरी में मैंने हमेशा यही अनुभव किया है कि जो इंसान बनावटी रिश्तो के मुखोटे लेकर घूमता
आज शाम से ही मेरा मन बहुत उदास था तो सोचा क्यों ना कुछ लिखा जाये आज लिखने को मेरे पास कुछ खास नहीं है। जब आज दिन में बाजार जाने के लिए घर से निकली तो बाहर बहुत तेज धूप थी इस वजह से मन किया कि वापस घर
दिनांक 18/5/2022हैलो डिअर आप सब कैसे हो में अच्छी हूँ फिर आप सबके लिए आज कि डायरी लेकर आई हूँ. सुबह से अब समय मिला मुझे लिखने का आज का मेरा विषय प्यार विश्वासघात और बदला है। आज कल के लोग बिना क
दिनांक 19/5/2022 समय 6बजकर 32मिनटआज कि मेरी इस डायरी में में आप सभी से उन लोगों के बारे में जिक्र करने जा रही हूँ जो पता नहीं अपने आपको कितना चालाक और होशियार समझते है। उन्हें खुद पर इतना ज्यादा
दिनांक 20/5/2022 आज का विषय बहुत ही प्यारा है मेला इस दुनिया के मेले में हर दिल अकेला है किसी के पास खुद के लिए तो किसी के पास अपनों के लिए बिल्कुल भी समय नहीं है इसी मेले में लोग मिलते भी
दिनांक 21/5/2022 हेलो डिअर फ्रेंड्स कैसे हो आप सब उम्मीद है कि आप सब अच्छे हो आज मेरी बचपन कि सहेली रानी का जन्मदिन है रानी और मेरी बचपन कि दोस्ती है पर किसी कारण आज हम दोंनो में बहुत दूर
दिनांक 22/5/2022 आज कि शाम मेरे लिए बहुत ही ज्यादा खूबसूरत थी में अपने हब्बी के साथ घूमने गई थी बहुत ही ज्यादा मजा आया एक साथ घूमने में हाथों में हाथ डाले हम दोंनो बहुत खुश लग रहें थे। एक
दिनांक 23/5/2022 आज का विषय अपना शहर बहुत ही प्यारा और अच्छा विषय है मेरे शहर कि बात ही कुछ और है यहां जो भी आता है वापस इसकी सादगी और खूबसूरती कि तारीफ लेकर वापस जाता है यहां के ल
दिनांक 24/5/2022 कहते है कि खामोशी में बड़ी ताकत होती है एक खामोशी सौ दर्द कि दवा होती है। इसी खामोशी पर आज में आप सबके लिए एक कविता लेकर आई हूँ आशा करती हूँ कि मेरी कविता आप सबको पसंद आये.......
दिनांक 25/5/2022 आज क्या लिखु कुछ समझ नहीं आ रहा कुछ शब्द ही नहीं मिल रहें आज मुझे लिखने के लिए पर फिर भी अंदर से लिखने कि बहुत ज्यादा लालसा उतपन्न हो रही है आज तक में एक आम इंसान र
आज शब्द पर मई कि यह आखिरी डायरी है सोचा क्या लिखा जाये शुरुआत कहां से कि जाये कभी कभी ऐसा लगता है कि मन बहुत विचलित होता जा रहा है किसी काम में मन ही नहीं लगता चाहें कितनी भी कोशिश कर ले काम में मन लग
कल से हुआ सब आसानडिजिटल मुद्रा छूने लगा एकनई उड़ान कल से शुरू हुआइसका सफ़र अब रुपय कालेन - देन हुआ और आसानएक से दूसरे देश तक भेजनेंका सपना कर दिखाया केंद्रीयबैंक ने और आसान अब ना होगीकोई दिक्क़त मिलेगी ह
जब से आया हर देश5 जी चारों जगहफैली बात वाह वाह जीदक्षिण कोरिया पहला इसकादेश सब भाषाओ को जोड़नेमें एक जनसंचार का माध्यमसे हुआ इसका काम और आसानसबने हामी भरी एक नई उड़ानप्रधानमंत्री नरेंद्रमोदी ने कीइसकी श