शहर की सूनसान सडक पर एक परछाईं चलती हुई नजर आ रही थी ।जिसे देख सडक के किनारे खडे कुछ मनचले लडकों की आँखें चमकने लगी ।
सभी आपस मे बात करनें लगे .......
रवी देख तो इधर कोई पटाखा चली आ रही है,लगता है आज शराब ,और शबाब दोनो का नशा चखनें को मिलेगा ।
महेश तेरी आदत कभी नही सुधरेगी ,छोड न ये सब ...आजकल पुलिस की सख्ती बहुत बढ गयी है,कहीं फस गये तो लेनें के देनें पड जायेंगें ।
रवी तू भी बहुत भोला है ,देख कितनी खूबसूरत और मासूम है ,ले जायेंगें झाडियों के पीछे जब कुछ बताने लायक रहेगी तब न ,कर देगें वहीं काम तमाम ।अभी यहाँ देखने वाला कोई है भी नही ।
अब वह परछाँई पास आ जाती है......
एक बहुत ही खूबसूरत ,कटीले नैन नक्स की,महिला जिसकी उम्र 23-24के आसपास है उन दोनों के नजदीक आ जाती है
।
,जिसे देखकर उन दोनों के मन का हैवान जाग उठता है ,दोनों उसका रास्ता रोक कर खडे हो जातें हैं ।
"मैडम जी इतनी रात में अकेली कहाँ चल दी ,
जमाना बहुत खराब है,कहिये तो हम पहुँचा दें घर तक ।"
वह महिला बिना कुछ कहे आगे बढ जाती है ....
मनचलों ने फिर छेडना शुरू कर दिया .....
अब वह महिला उनकी तरफ मुडती है एक ही झटके में दोनों हाँथों से दोनों के गाल लाल कर देती है ।
दोनो ही भौचक्का रह जातें हैं ,
आज तक हमने जिसे भी अपना बनाना चाहा कोई बच न सका ,ये कुछ ज्यादा ही चालाक लगती है ऐसा कहकर दोनों फिर उसकी तरफ दौडे और उसे दोनों नें घेर लिया ।.....
पर अब जो नजारा दिखाई दे रहा था ,वह दोनों की आशा के विपरीत था ।.......वह महिला दोनों से भिड पडी और बहुत जल्द ही उनके इरादों को मिट्टी में मिला दिया।अब दोनों उसके युद्ध कौशल का मुकाबला न कर सकें.और मूर्क्षित होकर जमीन पर गिर पडे ।
अब महिला ने कहीं फोन लगाया । जल्दी ही पुलिस की जीप वहाँ आकर रूकी और पुलिस ने उन दोनो बदमाशों को पकड लिया ।
वह महिला कोई साधारण महिला नही थी ,कई दिनों से इस ईलाके में ,बढे़ रेप और हत्या के अपराधों को लगाम लगाने के लिये तैनात पुलिस आफिसर थी ।जो साधारण वस्त्रों के माध्यम सेअपराधियों को गिरफ्त में लेना चाहती थी ।जिसमें वह कामयाब हुई ।
अगली सुबह जब दोनों बदमाशों की मुर्झा टूटी, तो दोनों ने स्वयं को पुलिस स्टेशन में पाया ।तभी वह महिला आफिसर भी अपनी वर्दी में पुलिस स्टेशन में आती है ।जिसे देख कर दोनों बदमाश सर पकडलेते हैं और दोनों ही ही सोचतें है कि कल हम दोनों से जो भिडी थी कोई और नही "वर्दी वाली औरत " है।
इस कहानी के माध्यम से मैं सबसे हाँथ जोड कर ये कहना चाहूँगी ,आप सब अपनी बेटीयों को जो बनाना चाहतें हैं बनायें पर हर बहन और बेटी को आत्म रक्षा के गुण जरूर सिखायें ।अगर हम दूसरी निर्भया नही देखना चाहते तो बेटीयों को मार्शल आर्ट को मेकअप की तरह अनिवार्य बना दें। यदि ऐसा हो जायेगा तो किसी भी महिला को अपनी रक्षा हेतु ,न ही प्रशासन की आवश्यकता होगी ,नही किसी पुरुष की ।
तभी वह सच में आत्मनिर्भर हो जायेगी।