ARUN KUMAR
मै एक विधिक विद्यार्थी हूँ
![भारत का स्वाभिमान है हिंदी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
भारत का स्वाभिमान है हिंदी
भारत का स्वाभीमान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी संस्क्रति की पहचान है हिंदी भाषा का प्रसार है हिंदी नवयुग का आधार है हिंदी भारत का स्वाभिमान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी भारत का मान है हिंदी और वीरो कीअभिमान है हिंदी तिरंगे की शान ह
![भारत का स्वाभिमान है हिंदी](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
भारत का स्वाभिमान है हिंदी
भारत का स्वाभीमान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी संस्क्रति की पहचान है हिंदी भाषा का प्रसार है हिंदी नवयुग का आधार है हिंदी भारत का स्वाभिमान है हिंदी भारत की पहचान है हिंदी भारत का मान है हिंदी और वीरो कीअभिमान है हिंदी तिरंगे की शान ह
![तिरंगा करता है आवहान](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
तिरंगा करता है आवहान
तिरंगा करता है आवहान बनाओ भारत को महान तिरंगे करता है आवहान बनाओ भारत को महान बढाओ नारो का मान करे हिन्दू से प्यार मुसलमान ना हिन्दू ना मुस्लिम ना अगड़े ना पीछडे ये वोटो की गिनती ये कौमो के झगड़े तिरंगा करता है आवहान बनाओ भारत को महान
![तिरंगा करता है आवहान](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
तिरंगा करता है आवहान
तिरंगा करता है आवहान बनाओ भारत को महान तिरंगे करता है आवहान बनाओ भारत को महान बढाओ नारो का मान करे हिन्दू से प्यार मुसलमान ना हिन्दू ना मुस्लिम ना अगड़े ना पीछडे ये वोटो की गिनती ये कौमो के झगड़े तिरंगा करता है आवहान बनाओ भारत को महान
![ऐसी क्यों होती है माँ](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=384&q=75)
ऐसी क्यों होती है माँ
ऐसी क्यों होती है माँ बच्चो को चुपाये खुद रोती है माँ बच्चो को सूखे में सुलाये खुद गीले में सोती है माँ जिंदगी की माला को अश्को से पिरोती है माँ ऐसी क्यों होती है माँ जिंदगी के हर गम को छिपाती है माँ ममता की नदियां बहाती है माँ सबसे अनमोल होत
![ऐसी क्यों होती है माँ](/_next/image?url=%2F_next%2Fstatic%2Fmedia%2Fbook.0614cbf5.png&w=256&q=75)
ऐसी क्यों होती है माँ
ऐसी क्यों होती है माँ बच्चो को चुपाये खुद रोती है माँ बच्चो को सूखे में सुलाये खुद गीले में सोती है माँ जिंदगी की माला को अश्को से पिरोती है माँ ऐसी क्यों होती है माँ जिंदगी के हर गम को छिपाती है माँ ममता की नदियां बहाती है माँ सबसे अनमोल होत
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