Ashok Kumar Pachaury
मैं खुद को कोई शीर्षक नहीं देना चाहता - लेकिन मैं कवितायेँ लिखता हूँ - जिनके मुख्यतः विषय प्रेम,खुद की खुद से झूझ,खुद के जीवन में होने वाली उथल पुथल या मिलने वाली क्षणिक खुशियां, साथ देने वाले साथी ,धोखा देने वाले लोग, जानवर और उनका इंसानो के प्रति प्रेम,प्रकृति, समाज एवं अपने विचार होते हैं - इसके साथ साथ मैं काल्पनिक एवं अकाल्पनिक कहानियां भी लिखता हूँ - मेरी सारी रचनायें आप https://likhantu.com पर पढ़ सकते हैं| M : +919667994337 E: pachauriashokkumar@gmail.com
बेवज़ह ज़िंदगी
बेवज़ह ज़िंदगी में वज़ह की तलाश - करता हुआ नवयुवक - और उसकी कोशिश के रूप में जन्म लेनी वाली कविताएं - पल पल - प्रतिक्षण जिस - हालत से गुजरता है - वह उसे कविता में व्यक्त करने की कोशिश करता है, चाहे वो खुद क लिए गुस्सा या प्यार हो, खुद से शिकायत हो, किसी
बेवज़ह ज़िंदगी
बेवज़ह ज़िंदगी में वज़ह की तलाश - करता हुआ नवयुवक - और उसकी कोशिश के रूप में जन्म लेनी वाली कविताएं - पल पल - प्रतिक्षण जिस - हालत से गुजरता है - वह उसे कविता में व्यक्त करने की कोशिश करता है, चाहे वो खुद क लिए गुस्सा या प्यार हो, खुद से शिकायत हो, किसी