किसान है वो
मेहनत की खाता है
किसान है वो
मेहनत की कठिनाई का
सामना करता है,
धूप, बर्फ, बारिश में भी
अपने काम को निभाता है।
खेतों में जो
उनकी किल्लत है,
वो कोई नहीं समझ सकता,
हर दिन की
लड़ाई में वह
अपने सपनों को
सम्मानित करता है।
सिर पर तोप,
कंधों पर हल,
होंठों पर मुस्कान,
जो किसान किया करता है,
उसका कोई अनुभव नहीं होता 'अशोक'।
मिट्टी के भाग्य से,
वह अपना जीवन गुजारता है,
उनकी मेहनत से ही,
हमारा भोजन आता है।
कठिनाईयों का सामना,
सब्र और धैर्य से करता है,
ओला वृष्टि, सूखा, बारिश,
सबका सामना करता है।
उसकी लगन,
उसकी ताकत,
हमें है शिक्षा देती,
किसान है वो महान,
उसकी मेहनत
हमें सच्चाई सिखाती।
सोने की चिड़िया,
चांदी की मूर्तियाँ,
सब कुछ बेच देता है,
फिर भी खुश रहता है,
किसान, खुद से कभी
शिकायत नहीं करता है।
किसान है वो
मेहनत की खाता है।
-अशोक कुमार पचौरी
(जिला एवं शहर अलीगढ से)