अनजान पाती !!!
सुनहरा ग़ुलाबी ख़त
आज आँगन में मिला
शायद आंस में
पता भटक चली
प्रेम से भरा पर उदास
बिछड़ने के बाद
दिख रही
मिलन की आस
पाती अनजान
न जान न पहचान
ढूढ रही अपनी पहचान
मैं अनजान मैं अनजान
(आशु)
4 मार्च 2022
अनजान पाती !!!
सुनहरा ग़ुलाबी ख़त
आज आँगन में मिला
शायद आंस में
पता भटक चली
प्रेम से भरा पर उदास
बिछड़ने के बाद
दिख रही
मिलन की आस
पाती अनजान
न जान न पहचान
ढूढ रही अपनी पहचान
मैं अनजान मैं अनजान
(आशु)
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बस लिख लेता हूँ । और यह आसन है बस आप मुक्त हो जाये इस और असीम कल्पनाओं के गोते खाने लगे बस । कल्पना है माई की कृपा हैD