वह देखो सूर्य ढल गया
चांद भी आज निखर गया
उधार लेकर आया रौशनी
फिर खिल गया
पूनम में
सिंगार कर गया
चिड़ियों ने समझा कि
फिर भोर हो गया
आज चांद सूरज सा
चमक गया
पूनम की रात में
सिंगर कर गया
अंनत व्योम
प्रकति की दुल्हन बन
चंदिनी ओढ़कर इंतिज़ार कर
नक्षत्रों की माला से सिंगार कर
नीशा सेज़ पर बैठी आज
निशाकर निशा में
बिंदिया बन बैठा आज
पूनम की रात की
बन गयी आज
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