shabd-logo

लौटा दो मेरी मां को

27 अक्टूबर 2022

14 बार देखा गया 14

सब कुछ खरीदा

 सब कुछ पाया 

ना मिली माँ की ममता 

और बाप जैसा साया 

                    

 कभी कभी सोचता हूं 

कैसी है तेरी माया 

छीन लिया माँ को मुझ से 

क्यूँ तुझे तरस न आया 


लौटा दे मेरी माँ को 

 तुझसे है आशा लगाया 

बिन लोरी अब ना सोऊ 

फिर से दे  दे अंचल  की छाया!


लेखक प्रमोद कुमार मोतिहारी बिहार 




1

हमे होती परेशानी

17 अक्टूबर 2022
0
0
0

एक बेटी अपने शराबी पिता से बोलती है पापा मुझे एक बात बता दोरानी बेटा मुझे कहते हो जिससे होती बदनामी आपकीवहीं काम क्यो करते हो ।।क्यो करते हो ऐसे पापाजिससे हो बदनामी आपको तो गम नहींहमे ह

2

खबर से तेरी हम बे खबर हो गए

17 अक्टूबर 2022
0
0
0

ख़बर से तेरे हम बे खबर हो गयेकुछ खबर ऐसी सुने हम तेरी ख़बर की ख्यालों में डूब गएकुछ ऐसी कह गई तेरी सहेली ।खबर को सुन खौला खूनआग लगा दी खबर तेरीमै सोचा तुम हो सामनेसब कुछ सुन सह गई तेरी सहेली । ।

3

मैसेज न करना प्लीज

17 अक्टूबर 2022
0
0
0

बोल कर चली गई मैसेज न करनाप्लीज गलती ऐसी न करना।हम रात भर जागे सोचता रहाकर दे एक मैसेज पर डरता रहा ।।मैं भी मूर्ख व्हाट्सएप ना देखामूवी में मैं उलझा रहाजब बीती दो पहर की रातेउनका जवाब देख सोचता रहा।रो

4

ऑनलाईन शॉपिंग बनाम पारंपरिक खरीदारी

18 अक्टूबर 2022
0
1
0

आज पूरे भारत में डिजिटल मार्केटिंग का क्रेज बढ़ चुका है। कोई भी आदमी नही चाहता है की हम घर से खरीदारी के लिए निकले सब किसी को जरुरत की चीजे घर बैठे ही चाहिए। ऑनलाईन में जो प्राइज फिक्स है ग्राहक उसी म

5

हमको तो तेरे पास आना है

19 अक्टूबर 2022
0
0
0

छोड़ सारे बंधन को हमको एक सांसे होना है तू लाख मुझे माना करे हमको तो तेरे पास आना है।एक अजीब सी तड़प होती मन को तू बेचैन करती अच्छा तेरे प्यार में मर जाना हैहमको तो तेरे पास आ

6

लौटा दो मेरी मां को

27 अक्टूबर 2022
0
0
0

सब कुछ खरीदा सब कुछ पाया ना मिली माँ की ममता और बाप जैसा साया कभी कभी सोचता हूं कैसी है तेरी म

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए