आज पूरे भारत में डिजिटल मार्केटिंग का क्रेज बढ़ चुका है। कोई भी आदमी नही चाहता है की हम घर से खरीदारी के लिए निकले सब किसी को जरुरत की चीजे घर बैठे ही चाहिए। ऑनलाईन में जो प्राइज फिक्स है ग्राहक उसी में संतुष्ट है । जबकि पुराने जमाने में जब यह सब नहीं था तो लोग जो भी समान खरीदते थे उसे देख और सोच समझ कर खरीदते थे। आज से 10 साल पहले हम लोग भी ऑफ लाईन मार्केटिंग करते थे। शाम होते ही साईकिल में झोला लटकाए हम सब बाजार करने के लिए आपने अपने घर से निकलते थे। रास्ते में लोगो से मिलना कुछ देर पैदल चलना एक दूसरे को जानना और उसके बारे में जानकारी प्राप्त करना । राशन की दुकान पर आलु प्याज का मोल भाव करने में जो आनंद था ओ आज के ऑनलाईन मार्केटिंग में कहा मिलेगा। कपड़ा के दुकानदार के पास जाकर बहुत सारे कपड़े देखने के बाद बोलना की मुझे पसंद नहीं और फिर सामने वाले दुकानदार के पास चले जाना कितना रस भरा था । आज ऑनलाइन के कारण लोग घर में ही दुबके रह रहे है। मानो कोई जुल्म किया हो और उसकी सारी आजादी समाप्त कर दी गई हो। घर मे दुबके रहने से उनको क्या अपने ही घर मे क्या घुटन महसूस नहीं होती होगी। आज ऑनलाईन द्वारा खरीदी गई
किसी भी समान को घर तक पहुंचाने में 2से 3 दिन का समय जरुर लग जाता है।
मेरा नाम प्रमोद कुमार है और हम बिहार के मोतिहारी जिला कोटवा ग्राम का निवासी हूं। हमको कविता और कहानी लिखने का बहुत शौक है। हमारे जीवन में जो कुछ भी हुआ है सबको कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया हूं।D