भीम राव अम्बेडकर का संदेश
आसान नहीं था मेरा सफर,
मुश्किलों ने थाम रखा था मेरा डगर,
फिर भी मुश्किल राह पर इसलिए चल पड़ा,
कि मुश्किल सफर का हसीन सा होगा मंजर ||
ठुकराया तो मैं कई बार गया हूं,
भेदभाव के पलड़े में पला बढ़ा हूं,
मुझे आगे आना पड़ा अपनों की खातिर,
मेरे अपनों के लिए संघर्ष करने वाला मसीहा में ही हूं||
टूटा नहीं मैं, हारा नहीं मैं, चोटे तो बहुत आई
चोटो से उभरकर ,दर्द ने मुझे नई राह दिखाई
ऐसा रास्ता मिला मुझे, जो परे हो सोच के
खुद शिक्षित बन समाज को नई सीख सिखाई ||
सपनों को साकार करने का जरिया तुम खुद हो,
अपने देश का हित भी तुम खुद हो,
कोसने से किसी और को तुम खुद बदल नहीं जाओगे,
बदलाव एक दिन आएगा, बदलाव की क्रांति तुम खुद हो||
अविसाई🙂