बोल कम और कर अधिक।
राह चल और बन पथिक।
पथ पर चलना आगे बढ़ना
बढ़ते रहना तब तलक
राह के कांटे हट ना जाये
ना पा लो मंजिल तब तलक
लोग हसेंगे कहेंगे पागल
फिकर नही करना तुमको
बस चलते रहना बढ़ते रहना
जिकर नही करना इनको
खुद को खुद में ढूंढकर
मंजिल को तू चूमकर
इनको दिखला कुछ करके
राह नई है कठिनाई है
मेहनत कर तू जी भरके
✍️ राजा आदर्श गर्ग ✍️