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बेख़बर बेफ़िक्र

30 सितम्बर 2022

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बेखबर बेफ़िक्र,
वो जिसे मेरी है,
ना कोई खबर,
ख़्वाब अधूरे है,
ना जाने है कहाँ.?

ख़याल में उसके,
जिसे नही है कोई,
मेरी कभी खबर,
ख़ामोश लफ्ज़,
उसके मेरे बिखरें
ना जाने है कहाँ.?

बेखयाल बेफ़िक्र,
जिसे नही है मेरी,
कोई कही खबर,
किया ज़िक्र अब,
उसका उसी से,
मेरे बिखरें लफ्ज़,
ना जाने है कहाँ.?

अधूरा ही सही,
अकेला ही सही,
कब कहा कोई,
ख़्वाब में वो मेरे,
जिसे मेरी फ़िक्र,
ना जाने है कहाँ.?

-हार्दिक महाजन
कविता रावत

कविता रावत

एक-दूजे का फ़िक्र करने पड़ती है

30 सितम्बर 2022

Hardik Mahajan

Hardik Mahajan

30 सितम्बर 2022

हाँ सही कहा आपने बहुत बहुत धन्यवाद आपका😊🙏

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बेख़बर बेफ़िक्र

30 सितम्बर 2022
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बेखबर बेफ़िक्र,वो जिसे मेरी है,ना कोई खबर,ख़्वाब अधूरे है,ना जाने है कहाँ.?ख़याल में उसके,जिसे नही है कोई,मेरी कभी खबर,ख़ामोश लफ्ज़,उसके मेरे बिखरेंना जाने है कहाँ.?बेखयाल बेफ़िक्र,जिसे नही है मेरी,कोई कही

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वक़्त

30 सितम्बर 2022
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वक़्त की अहमियत को आप जितना समझोगे,वक़्त उतना ही आपको अपना हार्दिक मिलेगा।-हार्दिक महाजन

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विनम्रता

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विनम्रता जिसमें विद्या का प्रतिफल है,वही जीवन में सुख का आधार होता है, जो जीवन में अपने सदा सुखी रहना चाहता है, उसे सदा जीवनभर विनम्र होना पड़ता है। -हार्दिक महाजन

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ख़ामोशी

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ख़ामोशी कुछ कह नही सकती बसख़ामोश रह जाती है।-हार्दिक हजम

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सीख

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सीख जो भुला दी गई, वो फिर याद आई,डायरी में जब क़लम, हमने हार्दिक चलाई।-हार्दिक महाजन

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