दोस्त जीवन में हम बहुत तरह के दोस्त बनाते हैं। कुछ अच्छे, कुछ बुरे। पर क्या हर दोस्त मुसीबत में हमेशा हमारे साथ रहता है?नहीं ना। कुछ ही ऐसे है जिन्हें हम अपना परम मित्र कहते हैं। यानी कि : "बेस्ट फ्रेंड्स " कहानी और लेखन:- अमन राज यह कहानी दोस्ती की बीच आने वाली अड़चनों को उजागर करती है। कहानी शुरू होती है तीन दोस्तों के साथ। रवीन्द्र, सुरेश, और अभिनव। रवीन्द्र जो एक इंडस्ट्रियलिस्ट का बेटा है। काफी पैसे वाल है। वही सुरेश और अभिनव एक सामान्य घरों से आते हैं। जिनके हमेशा पार्टी करने का एकमात्र स्रोत रवीन्द्र ही है। तो लगता है उन्होंने रवीन्द्र से दोस्ती सिर्फ फायदे निकलने के लिए की है। खेर अब कहानी पे आते है। तीनों दोस्त फ्रेंडशिप डे मनाने एक सुनसान जगह पर आते हैं। वो इस लिए क्योंकि उनके पास दारू की बोतलें थी, जिसका वो एक सुनसान जगह ही आनंद ले सकते थे। अभिनव:- "यार!सुरेश ये जगह एकदम फर्स्ट क्लास है हमारी पार्टी को "। सुरेश(थोड़ी सी मुस्कान चहरे पे लाते हुए):- "ढूंढी मैंने है तो होगी ही ना फर्स्ट क्लास "। पर मन ही मन रवीन्द्र ना जाने क्या सोच रहा है। अभिनव:- "क्या सोच रहे हो रवीन्द्र ब्रो?"। रवीन्द्र:- "यार!मुझे ये जगह ठीक नहीं लग रही चलते है यहाँ से। (रवीन्द्र जाने के लिए पीछे घूमता है)। सुरेश (रवीन्द्र का हाथ पकडते हुए):- "कहाँ? अरे हमलोग है ना कुछ नही होगा"। तीनों उस जगह पर बने एक टूटे- फूटे घर में जाते हैं। सुरेश:- "आज तो जम कर पार्टी होगी"। अभिनव मुस्करा देता है। पर रवीन्द्र अभी भी उस जगह को देख कर कुछ डरा हुआ है। (तो अखिर क्या है रवीन्द्र के डर का कारण। कहीं आगे उनके साथ कुछ बुरा तो नहीं घटने वाला है। जानने के लिए पढ़े अगला अंक। ) कहानी जारी है .........