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भाग 4

15 नवम्बर 2021

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अगले दिन.... 

दिनकर रोज़ की तरह अपने खेतों में काम पर चला गया और सरस्वती अपने कामों में लग गई..। 
चन्द्र रात को बहुत देर से सोया था इसलिए सुबह भी देर से उठा...। 
उठने के बाद वो नाश्ता करके गाँव की सैर करने निकल गया...।।। 

गाँव में अपने हम उम्र लड़कों से मिलकर चन्द्र ने सुना की.... गाँव में उसकी उम्र का हर लड़का चुड़ैल के साये से खौफ में था..।। 
चन्द्र ने हर किसी के मुंह से चुड़ैल की अलग अलग दास्तान सुनी...।। 

चन्द्र ने सुना की .... बहुत सालों पहले एक खुबसूरत सी लड़की की गाँव में हत्या हुई  थी.... अपनी शादी की पहली रात को ही.... उसके पति ने उसे मार दिया था क्योंकि वो किसी और से प्यार करता था.... तब से उसकी आत्मा अपने पति से बदला लेने के लिए भटक रही हैं.... और वो सभी लड़कों में अपने पति को देखती हैं... इसलिए वो सिर्फ लड़कों को ही निशाना बनाती हैं... चन्द्र को ये भी सुनने को मिला की वो कैसे बदला लेती हैं...। 
 चन्द्र को पता चला की वो चुड़ैल एक खुबसूरत लड़की बनकर लड़कों को अपने प्यार के जाल में फंसाती हैं फिर उनसे शादी करतीं हैं और फिर उनकों मार देतीं हैं...।।।। 
 आसपास के गांवों में इस गाँव में मिलाकर वो ऐसे करीब आठ दस लड़कों की जान ले चुकीं हैं....।।। रमेश के बेटे के साथ भी ऐसा ही हुआ था.... पर वो जान बचाकर भाग निकला था..।।।। लेकिन उसने चुड़ैल का इतना डरावना चेहरा देखा हैं की उसकी मानसिक स्थिति खराब हो चुकी हैं...।।। 
 चन्द्र जब ये सब सुन रहा था तो अनायास ही उसे सपना का ख्याल आया.... एक पल को तो उसके मन में सवाल भी उठा की कही सपना ही तो.... लेकिन अगले ही पल वो अपनी इस सोच पर पछता रहा था....।।। 
 वो मन ही मन सोच रहा था.... नहीं नहीं सपना ऐसी नहीं हो सकती... मैने उसकी आंखों में वो चाहत वो प्यार देखा हैं... मैं भी किन लोगों की बातों में आकर सपना पर अपने प्यार पर शक कर रहा हूँ..।।।। 

चन्द्र जहाँ जाता उसे बस चुड़ैल की ही बातें सुनने को मिलती..।। गाँव के कुछ बुजुर्ग लोगों ने तो चन्द्र को यहाँ तक कह दिया था की वो शहर वापस चला जाए... क्योंकि वो दिखने में बहुत सुन्दर दिखता था और चुड़ैल ऐसे ही सुन्दर दिखने वाले लड़कों को अपना निशाना बनातीं हैं...।।।। 

लोगो की बातें सुन सुन कर थक कर चन्द्र दोपहर दो बजे अपने घर आया और खाना खाते खाते अपनी माँ से बोला:- माँ ये चुड़ैल को क्या किसी ने देखा भी हैं... जो सब सिर्फ उसकी ही बातें किए जा रहे हैं..।।।। जब वो सबको मार देतीं हैं तो किसे पता वो सच में हैं भी या नहीं...!!! 
सरस्वती:- बेटा... लोग बिना तर्क के तो कोई बात ऐसे ही नहीं करेंगे ना और फिर रमेश के बेटे का हाल तो हम सब देख ही रहे हैं...।।।। 
वैसे अब घबराने की कोई जरूरत नहीं हैं.... कल रात को एक बहुत ज्ञानी तांत्रिक हमारे गाँव आ रहें हैं... और वो उस चुड़ैल को हमेशा के लिए अपनी तंत्र विधाओं से ना सिर्फ इस गाँव से बल्कि इस संसार से हमेशा के लिए छुटकारा दिला देंगे...।।।।। तेरे बापू अभी बता कर गए की बहुत बड़े तांत्रिक हैं... पहले भी ऐसी बहुत सी चुड़ैल और भूतों को वो अपने वश में कर चुके हैं... चलो आखिर कार गाँव के लोग चैन की सांस तो ले पाएंगे...।।।। 

चन्द्र:- वैसे माँ मैं तो इन सब बातों को नहीं मानता... पर चलो ये भी अच्छा है की गाँव के लोग चैन से तो रहेंगे... पुरी पूरी रात उन्हें लालटेनें तो दरवाजे पर नहीं टांगनी पड़ेगी...।।। अच्छा माँ मेरा खाना तो हो गया मैं जा रहा हूँ... किसी काम से बाहर...आतें आतें शायद वक़्त लगेगा..।।। 

सरस्वती:- ठीक है बेटा पर संध्या ढलने से पहले आ जाना...।।। 

चन्द्र मजाक करते हुए :- हां माँ... आ जाउंगा...।। चिंता मत कर मुझे वो चुड़ैल मिलीं तो उसकी चोटी काटकर अपने साथ ले आऊंगा...।।। 

 चन्द्र हंसते हुए अपने घर से निकल गया... तीन बजे उसे सपना ने मिलने के लिए बुलाया था... चन्द्र वही जा रहा था...।।।। वो आज अपनी बाईक पर ना जाकर पैदल ही उस पहाड़ी की ओर चल पड़ा... जहाँ सपना ने बोला था...।।।। 


करीब आधे घंटे तक चलने के बाद चन्द्र उस पहाड़ी पर पहुंचा... लेकिन वहाँ उसे सपना नही दिखी... वो पहाड़ी पर एक बड़े से बरगद के पेड़ के नीचे बने छोटे से चबुतरे पर बैठ गया और सोचने लगा.... शायद में ही जल्दी पहुँच गया हूँ... कुछ देर इंतजार करता हूँ... अगर कुछ देर बाद नहीं आई तो उसे फोन करके पुछता हूँ...।।।। 

चन्द्र वही बैठा सपना का इंतजार कर रहा था.... तभी सपना ने चुपके से पीछे से आकर अपने हाथों से उसकी आंखें बंद कर दी... । 

चन्द्र ने खींच कर उसे अपनी गोद में बिठा दिया....। 
सपना:- वाह चांद जी कोई भी आपकी आंखें बंद करेगा तो आप उसकों ऐसे ही गोद में बिठा देंगे..!! 

चन्द्र:- तुम्हारे स्पर्श से ही मैं पहचान गया था की तुम ही हो... और तुम्हारे साथ ही तो ये गुस्ताखी कर सकता हूँ...।।।। किसी ओर के लिए अब इस दिल में.... मेरी जिंदगी में कोई जगह नहीं हैं...।। 

सपना:- पक्का...? 

चन्द्र:- पक्का... 

सपना:- खाओ मेरी कसम..।। 

चन्द्र:- तुम्हारी कसम।।। 

सपना ने गोद में बैठे बैठे ही चन्द्र को गले से लगा लिया...।।।। 
चन्द्र ने भी उसे अपनी बांहों में भर लिया...।।। 

कुछ पल खामोशी से ऐसे ही गले लगने के बाद सपना बोली:- अच्छा चांद जी ये तो बताओ.... क्या किया आज घर बैठे बैठे...।।। 

चन्द्र:- रात को तुमसे मिलकर जाने के बाद पूरी रात तुम्हारे ही ख्यालों में खोया रहा... ना जाने कब सोया... उसकी वजह से सुबह देर से उठा.... फिर गाँव में सैर करने निकल गया.... जब तक तुमसे मिलने का समय हो...।।।। लेकिन यार इन गाँव वालों ने तो मेरा मूड ही खराब कर दिया हैं...।।।। 

सपना:- क्यूँ क्या हुआ...?? 

चन्द्र:- जहाँ जाओ.... जिसके पास जाओ.... बस ये चुड़ैल की बातें...।।।। 

सपना:- ओहह.... तुम तो यकीन नहीं करते ना इन सब में..?? 

चन्द्र:- बिल्कुल भी नहीं... मैं तो उन सबको भी बहुत समझाता हूँ.. पर कोई माने तो ना...।।। 
खैर हमें क्या... हम क्यूँ उस चुड़ैल की वजह से अपना मूड खराब कर रहे हैं.....।।।। 

सपना:- हां वो भी हैं.... हम क्यूँ सोच रहे हैं इतना...।।। 

चन्द्र:- हां यार.... करने दो उन को तांत्रिक विधाएँ.... मैं अपनी विधाएँ करता हूँ..... ( ऐसा कहकर चन्द्र सपना के होठों को किस करने जा रहा था की सपना अचानक से उसकी गोद से उठ गई) 

चन्द्र:- क्या हुआ सपना....!! 

सपना:- वो.... वो.... आप...... आ.... प...... क्या कह रहे थे अभी...... तांत्रिक....... विधा......।।। 

चन्द्र:- हां.... अरे वो गाँव वालों ने किसी बहुत बड़े तांत्रिक को बुलाया हैं.... उस चुड़ैल को कैद करके.... उससे छुटकारा दिलाने के लिए....।।। 

सपना:- अच्छा.... कब.... किसे बुलाया हैं...!! 

चन्द्र:- आज रात को ही.... शहर से कोई आ रहा हैं.... छोड़ो ना यार.... हमें इन सबसे क्या....।।।।। 

चन्द्र ऐसा कहते हुए खड़ा हो गया और सपना के पास आकर उसे अपनी आगोश में ले लिया..और सपना में खो गया....।।।। 
सपना ने भी उसे गले लगा लिया....।।।। 
सपना मन ही मन सोच रहीं थी... अच्छा हुआ तुने मुझे सब बता दिया.... अब वो तांत्रिक यहाँ कभी नहीं पहुंच पाएगा....।।।। 
सपना फिर से अपने डरावने रुप में आ गई और डरावनी हंसी हंसने लगी.... जिस बात से चन्द्र अभी भी बिल्कुल अंजान था...।।।।।। 

कुछ पल बाद सपना फिर से नार्मल हुई और चन्द्र को कहा:- चांद...घर जाकर अपने परिवार वालों से बात करना... मुझे जल्द से जल्द आपसे शादी करनी हैं..।। 

चन्द्र:- शादी भी कर लेंगे.... इतनी क्या जल्दी हैं... पहले हम ठीक से एक दूसरे को अच्छे से जान तो ले...।।। 

सपना थोड़ा रोष में:- क्यूँ अभी और कितना जानना हैं... सिर्फ मेरे मजे लेना चाहते हो क्या तुम...??? 

चन्द्र:- अरे नहीं.... तुम मुझे गलत समझ रहीं हो...।।।। लेकिन मैं अभी तो आया हूँ.... माँ बाबा से बात करने में थोड़ा वक्त तो लगेगा ना...।।। 

सपना:- वो मैं कुछ नहीं जानती... मुझे बस जल्द से जल्द शादी करनी हैं..।। 

चन्द्र:- हां यार ठीक है.... तुम गुस्सा मत करो... अगर माँ बाबा नहीं भी माने तो भी मैं तुमसे ही शादी करुंगा... ये मेरा वादा हैं तुमसे..।। 

सपना ने मुस्कुराते हुए चन्द्र को गले से लगा लिया और मन ही मन बोली:- वो तो तुम क्या मुझे कोई भी मना नही कर पाया.... तुम सब के सब खुबसुरती के पीछे मरने वाले लोग हो...।।। किसी को भी नहीं छोड़ुगी मैं....।।।।।।। 

सपना:- अच्छा चांद अभी मैं चलतीं हूँ... घर पर अंकल इंतजार कर रहे होंगे..।। 

चन्द्र:- ठीक हैं... लेकिन सुनो... रात को मिल रही हो ना...!! 

सपना:- हां.... कल की तरहा... उसी जगह पर... उसी वक़्त पर आ जाना... तुमसे मिले बिना तो मुझे भी नींद नहीं आएगी..।।। 

चन्द्र:- मुझे भी...।।।। अपना ध्यान रखना...।।। संभलकर जाना...।।। बाय...।।।। 

सपना मुस्कुराती हुई वहाँ से चलीं गई.... चन्द्र भी कुछ पल वहाँ रहकर फिर अपने घर चला आया..।।।।।। 



क्या होगा आगे.... 
क्या चन्द्र को सपना की हकीकत पता चल पाएगी...?? 
क्या सपना फिर से अपने मकसद मे कामयाब हो पाएगी...?? 

जानते हैं अगले भाग में...।। 

जय श्री राम... 🙏

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