एक अनसुलझी.... अनसुनी.... बेहद ही रोचक.... लेकिन डरावनी कहानी....।।।।
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<div>अरे सरस्वती... जल्दी कर आठ बजने वाले हैं....।।। </div><div>सारे मवेशियों को बाड़े में डाल
<div>अगले दिन.... </div><div><br></div><div>दिनकर रोज़ की तरह अपने खेतों में काम कर रहा था... त
<div>घर पहुंचते ही.... </div><div>सरस्वती:- कितनी देर कर दी तुने चन्द्र..... तेरा फोन क्यूँ नही
<div>अगले दिन.... </div><div><br></div><div>दिनकर रोज़ की तरह अपने खेतों में काम पर चला गया और
<div>घर पहुँच कर चन्द्र बस सपना के ही बारे में सोच रहा था... तभी उसके सामने कुछ ऐसा आया जिससे वो घबर
<div>आज चन्द्र की किस्मत सच में उसके साथ नहीं थी.... सपना की नाराजगी से अभी वो उभरा ही नहीं था की घर