shabd-logo

अंतिम भाग

18 नवम्बर 2021

41 बार देखा गया 41
आज चन्द्र की किस्मत सच में उसके साथ नहीं थी.... सपना की नाराजगी से अभी वो उभरा ही नहीं था की घर पर सरस्वती और दिनकर उसके स्वागत के लिए खड़े थे..।। 

चन्द्र के घर पहुंचते ही उसने देखा की उसके पेरेन्ट्स जाग रहें हैं...।। 

सरस्वती :- चन्द्र कहाँ गया था इतनी रात को... वो भी हमें बिना बताए... छुपकर....?? 

दिनकर:- चन्द्र मैने पहले ही तुझसे कहा था ना की सब कुछ करना मगर इस तरहा रात को बाहर मत निकलना... तुझे हमारी जरा़ सी भी परवाह नहीं हैं..!!! 

चन्द्र:- ऐसी बात नहीं है बाबा... 

दिनकर:- चन्द्र हम जानते हैं तु शहर में रहता हैं.. इन सब बातों में यकीन नहीं करता है... लेकिन बेटा हमारे लिए तो तु ही सब कुछ हैं ना... अगर तुझे कुछ हो गया तो.... हमारा क्या होगा... कभी सोचा हैं... हमारे तो जीने का मकसद ही खत्म हो जाएगा.... हम तो जीते जी मर जाएंगे बेटा..।।। 

चन्द्र:- बाबा ऐसी बात क्यूँ कर रहे हैं आप.... मैं शहर में आप लोगो के लिए ही तो कमा रहा हूँ बाबा.... शहर में अच्छा सा मकान लेकर आप दोनों को वहाँ रखुंगा....सिर्फ और सिर्फ आराम कराने के लिए... बाबा... मेरे लिए आप सबसे पहले हो... आपकी खुशी सबसे पहले..।।। 

सरस्वती:- बेटा तो फिर ऐसी क्या नौबत आ गई जो तुझे इस तरहा हमसे छिपकर रात में बाहर जाना पड़ा...?? 

चन्द्र:- माँ.. बाबा.... एक लड़की हैं.... मैं उससे बहुत प्यार करता हूँ... उससे शादी करना चाहता हूँ... उससे मिलने गया था..।।। 

सरस्वती:- क्या..... तु सच कह रहा हैं..... अरे बेटा ये बहुत खुशी की बात हैं हमारे लिए.... मैं तो कबसे बस इसी दिन के लिए सपने देख रही हूँ.... कौन है.... कहाँ रहती हैं..... नाम क्या हैं उसका....!!! 

दिनकर:- अरे सरू.... बस कर... तु तो ऐसे उछल रहीं हैं जैसे कोई खजाना मिल गया हो...।।।। बेटा तेरी पसंद हमारी पसंद.... हम कल ही उसके घर चलते हैं रिश्ते की बात करने...।।। तु बिल्कुल भी चिंता मत कर.... सब वैसा ही होगा जैसा तु चाहता हैं...।।। 

चन्द्र ने पास आकर दोनों को गले लगा लिया और कहा:- थैक्यु बाबा... थैंक्यू माँ...,।। 

फिर दिनकर ने उसे अपने कमरे में आराम करने भेज दिया...।।। 

चन्द्र अपने कमरे में मन ही मन सोच रहा था... -माँ बाबा तो मान गए लेकिन सपना को कैसे मनाऊं.... मैने उस पर शक करके सही नहीं किया.... उसने मुझे अपना घर भी दिखाया.... अंकल भी.... पता नहीं मैं क्यूँ उसके साथ ऐसा कर बैठा.... अभी क्या करुं.... समझ नहीं आ रहा....।।।। 

चन्द्र ऐसा सोच ही रहा था की उसे सपना का फोन आया..। 
चन्द्र खुशी के मारे उछल पड़ा और एक रिंग बजते ही फोन उठाया..।। 
चन्द्र:- हैलो सपना...... सपना मैं अभी तुम्हारे बारे में ही सोच रहा था.... सपना प्लीज मुझे माफ़ कर दो... सच में मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई... 

सपना:- मैं जानती हूँ चांद...इसलिए ही फोन किया हैं आपको.... अभी आप जैसा कहोगे मैं वैसा ही करुंगी... मै आपको कभी भी शादी के लिए नहीं बोलुंगी.. क्योंकि मैं आपके बिना रह नहीं सकतीं..।। 

चन्द्र:- अरे नहीं सपना... मैने माँ बाबा से बात कर ली हैं... मैं कल ही उनके साथ तुम्हारे घर आ रहा हूँ शादी की बात करने.... मैं खुद तुमसे शादी करना चाहता हूँ सपना.... 

सपना:- सच चांद.... 

चन्द्र:- हां सच.....अब हम हमेशा के लिए एक हो जाएंगे... अब तो तुम नाराज नहीं हो ना...।।। 

सपना:- नहीं चांद... आपसे नाराज होकर मैं खुद ही अपने आप को सजा देतीं हूँ...।। 

चन्द्र:- सपना... आई लव यू...... 

सपना मुस्कुराते हुए फोन रख देती हैं..।।।। 

वही चन्द्र अपनी किस्मत पर और अपने प्यार को पाकर बेहद खुश हो जाता हैं...।।।। 


अगले दिन... 

दिनकर अपने सारे काम जल्द से जल्द खत्म करके..... शाम के करीब पांच बजे चन्द्र और सरस्वती के साथ सपना के घर की ओर चलते हैं.....( जिसके बारे में चन्द्र ने सपना को पहले ही बता दिया था..) 

दिनकर:- ये कहाँ जा रहा हैं.... इस सड़क पर तो कोई घर नहीं हैं... इस ओर तो कोई नहीं रहता....!! 

चन्द्र:- इस ओर ही सपना का घर हैं बाबा.... मैं कल ही तो अभी आया था...।। 

दिनकर:- अच्छा..... मै तो बहुत बार इस रास्ते से गुजरा हूँ.... मैने तो कभी कोई घर नही देखा.. !! 

चन्द्र:- बस यही नजदीक हैं बाबा... आज देख लेना..। 

पता नहीं क्यूँ पर दिनकर के मन में एक अजीब सी हलचल चल रही थी.... लेकिन बेटे की खुशी को देखते हुए वो सब कुछ इग्नोर कर रहा था..।। 

कुछ समय बाद.... 
चन्द्र:- बाबा वो देखिये.... सामने..... वो ही उसके अंकल का घर हैं...।।। 

सपना के घर पहुंचते ही उसके अंकल ने उनका स्वागत किया.... और शादी की सारी बातें की..। 

सपना के अंकल:- देखिए दिनकर जी.... सपना मेरे बड़े भाई की बेटी हैं.... वो तो अब इस दुनिया में रहें नहीं.... सपना की माँ तो सालों पहले चल बसी थी.... तबसे मैं ही सपना का ख्याल रख रहा हूँ... सपना शहर में पढ़ाई कर रही हैं... और इसे कल ही शहर वापस जाना हैं... सपना की इच्छा हैं की वो शादी करके फिर जाए.... और जब लड़का... लड़की राजी़ हैं तो हमें भी इनकी बात मान लेनी चाहिए.... आप क्या कहते हैं...।।। 

सरस्वती:- लेकिन एक दिन में शादी कैसे..... हो पाएगी.... हमारा एक ही तो बेटा हैं.... गाँव वाले क्या कहेंगे...।।। 

चन्द्र:- माँ हम अभी सादगी से शादी कर लेते हैं.... गाँव वालों को बाद में.... एक आयोजन करके दावत दे देंगे..।।। 

अंकल:- हां.... बहनजी..... अभी हम आपस में सब तय करके दोनों की शादी करवा देते हैं.... पन्द्रह दिन बाद जब सपना वापस आएगी शहर से... तब आप गाँव वालों को भुलावा दे देना...।।। 

दिनकर:- ठीक हैं... जिसमें हमारे बच्चे खुश....।।। लेकिन हम बिना गाँव वालों को बताए सपना को तो अपने घर नहीं ले जा सकतें ना... बेवजह बातें बन जाएंगी...।।।। 

अंकल:- आप उसकी चिंता मत किजिए दिनकर साहब.... हम सादगी से मेरे घर पर ही शादी करवा देते हैं.... शादी की रात चन्द्र यही रह जाएं.... फिर अगले दिन तो सपना जा रहीं हैं.... तब वो आ जाएगा आपके पास.... किसी को कानों कान खबर भी नहीं होगी.... आप बेफिक्र रहिये। 

दिनकर:- ठीक है.... जैसा आप कहें...।।।। 

सब तय हो जाने के बाद... सभी अपने घर आ जाते हैं...।।।। 
चन्द्र बहुत खुश था... उसे तो मानों सारे जहाँ की खुशियाँ मिल गई हो... वो बस एक एक पल गिन रहा था कि कब कल  होगी और कब उसकी और सपना की शादी होगी... उसके लिए एक एक पल निकालना मुश्किल हो रहा था....।।।। 


आखिर कार वो पल भी आया.... 

चन्द्र अपने पेरेन्ट्स के साथ अगले दिन तय किये गए समय पर सपना के घर पहुंचा.... वहाँ सपना और उसके अंकल ने सभी तैयारियां की हुई थी...।।। 

सभी के समक्ष उन दोनों की शादी हुई.... सपना और चन्द्र ने सभी का आशीर्वाद लिया...।।।। 
चन्द्र के पेरेन्ट्स शादी करवा कर वापस अपने घर की ओर लौट आए.... क्योंकि चन्द्र वहीं रुकने वाला था....।।।। 

चन्द्र और सपना की सुहागरात..... 
चन्द्र के दिल में बहुत हलचल चल रही थी.... उसे यकीन ही नहीं हो रहा था की इतनी जल्दी इतना सब कुछ हो जाएगा...।। 

चन्द्र अपने दिल में हजारों सपने सजाकर.... कमरे में गया.... जहाँ सपना दुल्हन के लिबास में पलंग पर घुंघट ओढ़ कर बैठीं थी...।।।। 
कमरे में हल्की सी रोशनी थीं...।। चन्द्र सपना के पास गया....।।। उसने बिना घुंघट उठाए सपना से कहा:-सपना आज में बहुत खुश हूँ.... मुझे तो अभी भी यकीन नहीं हो रहा है कि तुम मुझे मिल गई हो...।। 
सपना:- खुश तो मैं भी बहुत हूँ चांद...।।। क्योंकि तुम ही वो हो जिसे मैं सालों से ढुँढ रहीं थी... अब मेरा इंतकाम खत्म होगा...।। 
चन्द्र आश्चर्य से:- इंतकाम..... कैसा इंतकाम....।। 

सपना ने अपना घुंघट हटाया और कहा:- हां इंतकाम.... 
घुंघट हटते ही सपना को देख चन्द्र के मुंह से चीख निकल गई.... वो डर के मारे कांपने लगा.... वो दौड़ कर दरवाजे की ओर गया लेकिन दरवाजा बाहर से बंद था... वो दरवाजा पीटने लगा.... लेकिन कोई सुनने वाला नहीं था....।।। कमरे की लाइटें अपने आप  आन आफ होने लगी...। 

चन्द्र ने देखा.... सपना ने चुड़ैल का रुप ले लिया है... उसकी आंखों की पुतली थी ही नहीं.... उसके बाल बिखर कर उसके चेहरे की ओर लटक रहें थे... उसके चेहरे पर... शरीर पर जगह जगह चोट के गहरे जख्म थें.... उसके होंठो की साईड से खून बह रहा था.... दूल्हन के जोड़े की जगह खून से सने कपड़े उसके शरीर पर थें.... वो इतनी डरावनी थीं की चन्द्र उसे ठीक से देख भी नहीं पा रहा था....।।। 

चन्द्र बदहवास सा यहाँ वहाँ दौड़ रहा था.... और सपना की डरावनी हंसी उसे ओर ज्यादा डरा रहीं थी...।।।।। 

कुछ मिनटों तक ऐसे ही जद्दोजहद करने के बाद चन्द्र सपना के पैरों में गिर गया और अपनी जान की भीख मांगने लगा....।।। 

सपना की आवाज अब बहुत भारी हो गई थी और गुंजने लगीं थीं वो बोलीं:- तुझे कैसे छोड़ दुं.... तु ही तो हैं वो.... जिसकों मैं सालों से ढुढ़ रहीं थी.... अब मेरी तलाश खत्म हुई..।।।।। जब तुने मुझे पहली बार छुआ था तभी मैं तुझे पहचान गई थी....।।।। तु ही हैं वो... जिसने आज से पचास साल पहले मुझे मारा था.... तब से मैं यहाँ वहाँ भटक रहीं हूँ... आज तुझे मारकर.... मै अपना बदला पुरा करुंगी...।।।।।। 

फिर सपना की हंसी चारों ओर गुंजने लगीं...।।।। 

चन्द्र:- ये तुम क्या कह रहीं हो.... मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा हैं.... प्लीज मुझे जाने दो.... मेरे माँ बाबा अकेले हैं....।।।। 

सपना:- मेरे भी माँ बाप अकेले थे.... तुने उनका सोचा.... मैं भी ऐसे ही भीख मांग रहीं थी.... तब तुझे रहम आया...।।।। आज मुझे शांति मिलेगी..... हाहाहाहाहा

चन्द्र:- सपना ..... मैंने तुम्हारा क्या बिगाड़ा हैं.... तुमने मुझे इतना बड़ा धोखा क्यूँ दिया... मैं तो तुमसे सच्चा प्यार करता था... मेरे साथ ही.... (कहते कहते चन्द्र रोने लगा) 

लेकिन सपना को कोई फर्क नहीं पड़ा.....।।।।।।।। सपना चन्द्र के पास गई.... और उसे गले से लगा लिया.... गले लगाते ही सपना ने चन्द्र की गर्दन पर अपने दांत गड़ा दिए.... और तब तक काटती रहीं जब तक चन्द्र ने दम नही तोड़ दिया....।।।। 
सपना की पकड़ इतनी मजबूत थीं की चन्द्र बस छटपटाता ही रहा.... उसकी पकड़ से छुट नहीं पाया..... कुछ ही मिनटों में चन्द्र की सांसे थम गई....।।।। सपना ने फिर भी उसे नहीं छोड़ा और उसकी गर्दन से मांस निकाल दिया....।।।।। 
चन्द्र का शरीर छुटते ही जमीन पर जा गिरा.... सपना उसके ऊपर जाकर बैठ गई और अपने नाखुनो से उसके चेहरे और छाती को चीढ़ फाड़ करने लगी.... चीढ़ फाड़ करते हुए वो लगातार डरावनी हंसी हंस रहीं थी......।।।।।। 
कुछ मिनटों तक ऐसे ही अपनी मर्जी से चन्द्र के शरीर को चीढ़ने के बाद सपना उठीं और बोली... :- मेरा इंतकाम आज पुरा हो गया... मैंने तुझे मार डाला....।।।।। 
फिर एक डरावनी चीख और हंसी के साथ सपना वहाँ से गायब हो गई....।।।।।। 

वो घर भी सपना के साथ विलुप्त हो गया...।।।। 


अगले दिन सुबह को गाँव के कुछ लोग वहाँ से गुजरे तो उन्हें... चन्द्र की बेहद ही बूरी हालत में लाश मिलीं....।।।। 
उसके घरवाले चन्द्र की लाश देखकर कुछ समझ ही नहीं पाए.... उन दोनों का तो जैसे दिमाग ही काम नहीं कर रहा था.... लेकिन चन्द्र की लाश जिस हालत में थी... गाँव वालों को समझने में देर नही लगीं की वो उस चुड़ैल का ही काम था....।।।।।।। 


चन्द्र की मौत के कई सालों तक किसी ने भी उसके बाद उस चुड़ैल को कभी देखा नहीं था.... धीरे धीरे हिम्मतपुर गाँव के लोग सामान्य होंने लगे थे.... सभी ये जान गए थे की चुड़ैल उनका गाँव छोड़ चुकीं हैं...।।।। अब सभी बहुत खुशी खुशी बिना डर के जीवन जी रहे थे...।।।। कुछ सालों बाद ही चन्द्र के पेरेन्ट्स का भी देंहात हो गया था....।।।। गाँव में अब लोग बिना वजह लालटेन नहीं जलाते थे... ना ही आठ बजते ही घरों में घुसते थें... सब कुछ सामान्य हो गया था.... सभी बहुत खुश थें....।।।।।। 





एक रोज़ गाँव में रहने वाले दिनेश का लड़का शहर से अपने गाँव आ रहा था....।।।।।।। 
रास्ते में उसकी बाईक खराब हो गई... वो बाईक को ऐसे ही पैदल चला कर आ रहा था की उसे एक लड़की दिखीं..... बेहद ही खुबसूरत.... वो वहां किसी का इंतजार कर रहीं थी.... वो बाईक लेकर उसके पास गया.... और कहा:- क्या हुआ... आप किसी का इंतजार कर रहीं हैं...!!! 

लड़की:- नहीं वो मेरी गाड़ी खराब हो गई हैं.. ( उसने अपने पीछे खड़ी गाड़ी की ओर इशारा करतें हुए कहा) 
मुझे हिम्मतपुर जाना हैं... वहाँ मेरे अंकल रहते हैं.... उनसे मिलने...।।।। 

लड़का:- ओहह मैं भी वही जा रहा हूँ..... चलिए साथ ही चलतें हैं.... वैसे आपका नाम....!! 

लड़की :- मेरा नाम सपना हैं..........!!!!!!!!!!!!!!!! 






☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️☠️💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀💀


सुकून

सुकून

बहुत खूब 👌👌👍👍

18 नवम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

18 नवम्बर 2021

शुक्रिया जी ☠️☺

काव्या सोनी

काव्या सोनी

Lajwab likha aapne 👌,👏👏👏

18 नवम्बर 2021

Diya Jethwani

Diya Jethwani

18 नवम्बर 2021

शुक्रिया जी 😊☠️

6
रचनाएँ
कौन थी वो...
5.0
एक अनसुलझी.... अनसुनी.... बेहद ही रोचक.... लेकिन डरावनी कहानी....।।।।
1

भाग एक...

11 नवम्बर 2021
13
1
2

<div>अरे सरस्वती... जल्दी कर आठ बजने वाले हैं....।।। </div><div>सारे मवेशियों को बाड़े में डाल

2

भाग दो...

12 नवम्बर 2021
6
1
0

<div>अगले दिन.... </div><div><br></div><div>दिनकर रोज़ की तरह अपने खेतों में काम कर रहा था... त

3

भाग 3

13 नवम्बर 2021
4
0
0

<div>घर पहुंचते ही.... </div><div>सरस्वती:- कितनी देर कर दी तुने चन्द्र..... तेरा फोन क्यूँ नही

4

भाग 4

15 नवम्बर 2021
4
1
0

<div>अगले दिन.... </div><div><br></div><div>दिनकर रोज़ की तरह अपने खेतों में काम पर चला गया और

5

भाग 5

17 नवम्बर 2021
4
2
4

<div>घर पहुँच कर चन्द्र बस सपना के ही बारे में सोच रहा था... तभी उसके सामने कुछ ऐसा आया जिससे वो घबर

6

अंतिम भाग

18 नवम्बर 2021
4
2
4

<div>आज चन्द्र की किस्मत सच में उसके साथ नहीं थी.... सपना की नाराजगी से अभी वो उभरा ही नहीं था की घर

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए