सवाल है कि भाग्य होता है,या नहीं होता है,लेकिन ये सच है कि,बिना कर्म के भाग्य अकेला होता है।भाग्य, कर्म और समय का,योगफल होता है,जो जितना ज्यादा मेहनत करता है,उसका भाग्य उतना ज्यादा चमकीला होता है।अगर
जब मनुष्य सीखना बन्द कर देता है तभी से वह भी बूढ़ा होने लगता है। बुढ़ापा चेहरे पर उतनी झुरियाँ नहीं जितनी किसी के मन पर डालता है।। अनुभव से बुद्धिमत्ता और कष्ट से अनुभव प्राप्त होता है। बुद्धिमान