12 फरवरी 2016
दीनदयाल जी, देश के प्रति ऐसे अपमानजनक शब्द कहना तो दूर की बात है, एक सामान्य नागरिक भी अपने प्रति कोई भी अपमानजनक बात नहीं सुन सकता . लोगों को यह भली-भांति मालूम है कि देश की प्रगति में बाधा खड़ी करने के लिए कुछ न कुछ बवाल करते रहो, कराते रहो, ऐसी घटनाएं बस इसी का परिणाम लगती हैं . जो अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पित नहीं, वो किसी के प्रति समर्पित नहीं हो सकता .
20 फरवरी 2016
पेड़ पे उल्टा टांग के, दे बदी बद / दे बदी बद .... डंडे ही डंडे ......
19 फरवरी 2016
ऐसा करने वालों का तो क्या होगा वो तो आप अच्छे से समझ ही सकते हैं ! हाथ पैर भी सलामत नहीं मिलेंगे
13 फरवरी 2016
दीन दयाल जी , आप अपना ये प्रश्नोत्तर फोरम मे भी दर्ज कीजिये ! ऐसा करने के लिए आपको ऊपर दिये - प्रश्नोत्तर बटन पर क्लिक करना होगा। और अपना ये प्रश्न वहाँ पर पोस्ट करना होगा ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आपके इस प्रश्न पर उत्तर दे सकें।
13 फरवरी 2016