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मृत्यु का भय

19 मार्च 2022

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रचनाएँ
भाव की भूख
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यह लघु कहानियों से प्रेरित कथाओं में आधारित बोध कथाएँ है जो बचपन मे नानी दादी सुनाती थी पर समय के साथ विलुप्त हो गयी । इन कहानियों यह कथाओं न ही आस्था को जगाया और ईस्वर और मनुष्य के बीच के सम्पर्क के राज उजागर किये की वह सिर्फ भाव का भूखा है । वही सर्वतम प्रसाद है जो आप उसको अर्पित कर सकते है वही उसको पसन्द है और भाव ही है तो प्रेम की प्रथम सीढ़ी है और प्रेम मुक्ति की । जय श्रीकृष्ण
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चुकड़िया भर दूध

2 मार्च 2022
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यह एक लघु कथा है जो मैं आज आपके सामने रखने जा रहा हू एक गोविंदपुर नामक गांव था वहां पर एक स्कूल में सभी विद्यार्थी पढ़ा करते थे स्कूल की स्थिति भी पुराने ग्रामीण क्षेत्रों जैसी थी एक दिन स्कूल में पंच

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मृत्यु का भय

19 मार्च 2022
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राजा परीक्षित को श्रीमद्भागवत पुराण सुनातें हुए जब शुकदेव जी महाराज को छह दिन बीत गए एवम तक्षक ( सर्प ) के काटने से राजा परीक्षित की मृत्यु होने का एक दिन शेष रह गया, तब भी राजा परीछित का शोक एवम मृत

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प्रेम का विष

23 मार्च 2022
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कहते है की यदि आप भगवान से प्रेम करते है तो वह आपको आपसे अधिक प्रेम करते है । यदि आप भक्ति करते है तो वह आपके सभी कष्ट से आपको मुक्त करते है । यहाँ तक कि वह आपके ऊपर आया संकट अपने ऊपर ले ल

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कर्म का चक्र

25 मार्च 2022
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एक कारोबारी साहूकार सुबह सुबह जल्दबाजी में घर से ऑफिस जाने के लिए निकलता है और यह जल्दीबाज़ी में अपनी कार का दरवाजा खोल कर जैसे ही बैठने वाला होता है उसका पैर गाड़ी के नीचे ब

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ईस्वर प्रेम

3 अप्रैल 2022
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एक बार एक किसी गाँव मे एक साधु प्रवचन दे रहे थे । साधु की बाते और ईस्वर से जुड़े तथ्य सुनकर लोग भाव विभोर हो रहे थे । साधु जी बोल रहे थे कि आप जितना प्रेम उस ईस्वर को करते हो वह आपको उससे अधिक प्रेम कर

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