बहराइच में हाल ही में हुई सांप्रदायिक हिंसा ने पूरे क्षेत्र में भय और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है। यह घटना तब शुरू हुई जब एक धार्मिक जुलूस के दौरान दूसरे समुदाय के लोगों से विवाद की स्थिति उत्पन
दुखिया पाकर हे पदम्, लीजो उसको हाल, मानवता सबसे बड़ी, मन में रखो ख़याल। (c)@नील पदम्
हाथों में सिन्दूर था ये न उन्हें मंज़ूर था कर रहे थे वंदना सब आलता-कुमकुम सजा रक्त की न गंध हो तो उनको क्या आता मज़ा। मृत्यु की देवी का साया उनके सिर पे सवार था पलकें हुईं बोझिल पड़ीं थीं प्यास
धूल में लिपटा आँगन, खून से सनी दीवार,बहराइच के गलियों में गूंजी करुण पुकार।जहां कभी बच्चे हंसते,आज छाया सन्नाटा, धरती माँ है रोती , ये कैसा कहर है काटा।बंदूक की आवाज़ें, इंसानियत को चीरती,प्यार