भारत पर अगले कुछ दिनों तक चक्रवाती तूफान 'बिपरजॉय' का खतरा मंडरा रहा है. इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार (12 जून) को 'बिपरजॉय' पर तैयारियों की समीक्षा के लिए उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. इससे उत्पन्न होने वाली तमाम स्थितियों से निपटने के लिए उन्होंने केंद्र और गुजरात के मंत्रालयों/एजेंसियों की तैयारियों की जानकारी ली.
प्रधानमंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने के लिए हर संभव उपाय करने का निर्देश दिया कि राज्य सरकार की तरफ से संवेदनशील स्थानों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित रूप से निकाला जाए और बिजली, दूरसंचार, , स्वास्थ्य, पेयजल आदि जैसी सभी आवश्यक सेवाओं का रखरखाव सुनिश्चित किया जाए. उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि पशुओं की सुरक्षा भी सुनिश्चित की जाए. उन्होंने नियंत्रण कक्षों के 24*7 काम करने का भी निर्देश दिया. गुजरात के गृह मंत्री हर्ष सांघवी ने बताया कि पीएम मोदी ने तमाम अधिकारियों से तैयारियों पर बात की क्योंकि चक्रवाती तूफान के 15 जून को गुजरात तट को पार करने की उम्मीद है. बैठक के दौरान, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने बताया कि चक्रवात 'बिपारजॉय' के 15 जून की दोपहर तक मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच जखाऊ पोर्ट (गुजरात) के पास सौराष्ट्र और कच्छ को एक बहुत ही गंभीर चक्रवाती तूफान के रूप में पार करने की उम्मीद है.यह भी बताया गया कि गृह मंत्रालय (MHA) हर पल स्थिति की समीक्षा कर रहा है और राज्य सरकार और संबंधित केंद्रीय एजेंसियों के संपर्क में है. एनडीआरएफ ने 12 टीमों को पहले से ही तैनात कर दिया है, जो नावों, पेड़ काटने वालों, दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं और 15 टीमों को स्टैंडबाय पर रखा है. भारतीय तट रक्षक और नौसेना ने राहत, खोज और बचाव कार्यों के लिए जहाजों और हेलीकाप्टरों को तैनात किया है. ।
यह चक्रवाती तूफान (रविवार) सुबह साढ़े पांच बजे मुंबई से लगभग 580 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 480 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, द्वारका से 530 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम, नलिया से 610 किलोमीटर दक्षिण-दक्षिण पश्चिम और कराची (पाकिस्तान) से 780 किलोमीटर दक्षिण में केंद्रित रहा. इस चक्रवाती तूफान की वजह से मुंबई के समंदर में भी हलचल देखने को मिल रही है. समंदर में ऊंची लहरें उठ रही हैं।.
हम विश्वास करते हैं कि इस तूफान से होने वाले जान माल की सुरक्षा के लिए हम पहले से तैयारी कर लेंगे। ताकि बड़ी आपदाओं से बचा जा सके।
(ज्योति)