पुलिस हिरासत में माफिया अतीक अहमद की हत्या का मामला अभी ठंडा नहीं हुआ था की राजधानी लखनऊ की अदालत में कुख्यात गैंगस्टर संजीव माहेश्वरी उर्फ जीवा को गोलियों से भून दिया गया। इस दौरान दो पुलिसकर्मियों डेढ़ साल की बच्ची और उसकी मां को भी गोली लगी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वकीलों ने हमलावर विजय यादव को पकड़कर पुलिस को सौंप दिया। पुलिस का दावा है कि हमलावर विजय शूटर है। उसका असली नाम आनंद यादव है जौनपुर और आजमगढ़ में उस पर पाक्सो समेत 2 केस दर्ज है। पुलिस हिरासत में 2 महीने में यह तीसरी हत्या हुई है।
यूपी में लगातार यह जो हत्याएं हो रही हैं उससे लगता है की लोगों ने कानून अपने हाथ में ले लिया है। हमलावर वकील के लिबास में था और कोट में रिवाल्वर छिपा रखी थी। लखनऊ कोर्ट परिसर में हुई संजीव जीवा की हत्या के मामले में बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश सरकार की कानून व्यवस्था पर सवाल खड़ा किया है। ऐसी घटनाओं से आम जनता में काफी दहशत है। सरकार सख्त कदम उठाए बसपा की यही मांग है। सपा अध्यक्षअखिलेश यादव ने भी कहा की कानून व्यवस्था ध्वस्त है ।पुलिस हिरासत में हत्याएं हो रही हैं। कचहरी थाने कोर्ट में हत्याएं हो रही हैं।
प्रश्न यह है की जब कोर्ट ,थाने, कचहरी मैं लगातार हत्या हो रही हैं तो फिर आम आदमी की क्या बिसात? सड़क पर अराजक तत्व खुलेआम गोलियां चला रहे हैं। अतः जरूरी है की इन घटनाओं के निष्पक्ष जांच हो तथा अपराधी पकड़े जाएं क्योंकि कानून व्यवस्था से ऊपर कोई भी नहीं है। यदि लोगों का कानून में से विश्वास हट गया तो स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी। फिर जहां इंसाफ की मांग होती है वहीं पर हत्याएं हो रही हैं। फिर लोग इंसाफ के लिए कहां जाएं? अतः जरूरत है की इन हत्याओं को करने वालों को पकड़ा जाए व अपराधी को दंड अवश्य मिले। तथा सरकार भी कड़ाई से कानून व्यवस्था की स्थिति पर नजर बनाए ताकि ऐसी स्थिति में होने वाले दंगों को भी रोका जा सके।
(© ज्योति)