आज राजनीतिक हिंसा देश में अब एक मान सम्मान बन गया है और हम सभी अपने संविधान और क़ानून व्यवस्था सब पदगरिमा में भूल कर र केवल राजनीतिक दलों में पद और पार्टी के वर्चस्व की हिंसा शुरू हो जाती हैं।अगर ख़्याल देश और जनता के लिए हित हो तब हिंसा न हो आओ पढ़े
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