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ग़ज़लो का गुलदस्ता

Ajay nidaan

10 अध्याय
4 लोगों ने लाइब्रेरी में जोड़ा
26 पाठक
3 अगस्त 2022 को पूर्ण की गई
निःशुल्क

इस किताब में सारी रचनाये मेरी स्वयं की हस्तलिखित और मौलिक हैं इसमें जिंदगी के सारे अनुभवो को दर्शाने की पूरी कोशिश की हैं, हर शब्दों में अपना दर्द और जिंदगी के नये -नये सोच के आयामो को पेश करने की कोशिश की हैं मैंने अब बाकी तो आप लोग ही पढ़कर सटीक विवेचना कर सकते हैं l 

gajlo ka guldasta

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बहुत बेहतरीन जी

पुस्तक के भाग

1

पहला शिकार

28 जुलाई 2022
10
3
4

तेरी आदतों से जन्मा पहला शिकार हूँ मैकिन हालातों से ढला पहला प्यार हूँ मैं।कुछ नही पास सिवाये हक़ीक़त केनज़र में संवरता पहला निखार हूँ मैं।चमक तेरी मेरी साँसों में रहती सदासूरत पे दिखनेवाला प

2

दाग़दार हो गये

28 जुलाई 2022
6
1
1

कैसे ज़िंदगी की राहों में दाग़दार हो गये।ऐसे ही लोग रिश्तों में वफ़ादार हो गये।।क्या गिला करें अब किसी भी दरबार मे।हम तो ऐसे वक़्त के नये किरदार हो गये।।किसी से क्या कहते हम ज़ख़्मी जुबां से ।सब कहां

3

मुझे इनसे इन दिनों

28 जुलाई 2022
7
1
4

सबसे ज़्यादा प्यार हैं मुझे इनसे इन दिनों।कह नही पा रहा हूँ मैं उनसे कुछ इन दिनों।।क्या करूँ समझ न आये दिल की आरज़ू।हर पल बस तेरा दीदार होता हैं इन दिनों।।हर पल सूरत में तेरी ही मूरत का आईना।न जाने कौन

4

इन दिनों (एक ग़ज़ल के दो नज़रिये )

28 जुलाई 2022
4
1
3

जिंदगी के तो अंजान सफ़र में हूँ इन दिनोंन जाने वो कौन सी खबर में हूँ इन दिनोंअक्सर कहता आज मिलता हूँ आईने सेलगता है किसी दूसरे शहर में हूँ इन दिनोंकैसे अहम के दायरे में ठहर सकता है कोईअपने वजूद के ग़म क

5

समझता नहीं हैं

28 जुलाई 2022
4
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कोई भी यहाँ किसी को समझता नहीं हैं।किसी भी सूरत से दिल संभलता नहीं हैं।।बहुत मुश्किल हैं जीना तेरे बिन तेरे लिए।हर एहसास में दिल ऐसे पिघलता नहीं हैं।।इस क़दर ख़फ़ा हैं लोग कुछ पूछने से ही।शक से भरे

6

वफ़ा न रही

28 जुलाई 2022
4
1
1

दौर-ए-गर्दिश में अब राहे-वफ़ा न रही।ज़माने में हमें किसी से मोहब्बत न रही।।बहुत कम था फासला दोनों के दरमियाँ।इस दौर में अब लोगो मे हकीकत न रही।।डरता हैं दिल अब यक़ीन के नाम से ही।रिश्तों में भी पहले जैसी

7

हकीकत नही होती

28 जुलाई 2022
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2

हर चेहरे पर वक़्त की हकीकत नही होती।जीने के लिए बहाने की जरूरत नही होती।।अंदाज़ा नही हो पाता इंसान की सोच का।प्यार के लिए भी अच्छी नीयत नही होती।।क्या करें गिला शिकवा इन सब बातों का।दिल के आईने में ऐसी

8

शराफ़ात मिल गई

28 जुलाई 2022
2
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1

अब तुझे तेरी ज़िंदगी की शराफ़त मिल गई।मुझे भी अपने दिल की नई हसरत मिल गई।।न जाने किस ख्वाब से आँखें खुल गई मेरी।ऐसा लगा कि जमाने की हकीकत मिल गई।।कोई बात थी दिल मे उसके और आँखों मे।इस क़दर उसके लिए मोहब्

9

अफसाना हैं ज़िन्दगी का

28 जुलाई 2022
5
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1

बस यही एक अफसाना हैं ज़िंदगी का।कोई न देख सका आईना है ज़िंदगी का।।रूप में इसके हकीकत, मंज़िल, ऐतबार।बस इतना ही तो फ़साना हैं ज़िंदगी का।।हर तरफ चर्चा हैं इसके कसर का हीऔर कौन सा बहाना है जिंदगी का।।अंजाम स

10

ढाल बना धर्म हैं

28 जुलाई 2022
3
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राजनीति के चेहरे पर ढाल बना धर्म हैंजो जानते नहीं धर्म को कहते उसे धर्म हैं।धर्म, धर्म की कुछ बाते बनाकर देश मेधर्म की आड़ से रखते राजनीति को गर्म है।किन लोंगो के हाथों में सौंपी बागडोर हमन

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