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ब्रेक डाउन ( कहानी प्रथम क़िश्त )

14 मई 2022

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ब्रेक डाउन ( कहानी प्रथम क़िश्त)

इंडस्ट्रियल एरिया में साहेब चौहान जी का एक छोटा सा स्टील प्लान्ट है । जो पिछले 5 वर्षों से अच्छा चल रहा थाप । रा-मटेरियल वे महाराष्ट्र से मंगाते थे । पांच वर्षों में अपने प्लान्ट से उन्होंने बहुत पैसा कमाया था । उनके कारखाने में लगभग 100 कर्मचारी थे । साल भर पहले वहां के वरिष्ट इंजिन्यर गुलज़ार साहब अपने बच्चे के पास एक महीना के लिए अमेरिका चले गए थे । तब प्लान्ट की मुख़्य ज़िम्मेदारी वहां के  नवोदित इंजिनयर टीपी सिंग के कांधे पर आ गया था । टीपी सिंग जी ने मेटलर्जी विषय में बीटेक किया था । अभी तक टीपी सिंग अपने वरिष्ट इंजिनयर गुलज़ार साहब के निर्देश पर काम करते थे । उन्हें अभी किसी काम में स्वयं के निर्णय लेने से हिचक और डर लगता था । अभी तक उसे अपने उपर विश्वास नहीं था कि उसके निर्णय लेने से कोई काम बिना परेशानी के पूर्ण हो जाएगा । गुलज़ार साहब के अमेरिका जाने के कारण अब प्लान्ट की संपूर्ण दायित्व टीपी सिंग के कांधों पर आ गई थी । वैसे टीपी सिंग का छात्रीय कैरियर बेहद ही उम्दा था । उन्होंने 5 विषयों में गोल्ड मेडल प्राप्त किया था । पर अभी व्याहारिक ज्ञान प्राप्त करते ज्यादा समय नहीं हुआ था । अत: वे मन ही मन डरते थे कि कारखाने में कोई बड़ा ब्रेक डाउन हुआ तो मैं कैसे उससे निपट पाऊंगा । टीपी सिंग बहुत ही आस्तिक विचार धारा वाले व्यक्ति थे ।  बचपन से वे बहुत पूजा पाठ करते थे । वे माता दुर्गा के अनन्य भक्त थे और वे दोनों नव रात्रि के समय 9/9 दिन का उपवास रखते थे । उन दिनों वे सिर्फ़ रात को फ़लाहार करते थे । गुलज़ार साहब के अमेरिका जाने के बाद कारखाने का काम  15 दिनतो बहुत स्मूथ गुज़रा । लेकिन 16 वें दिन कारखाने में एक बड़ा ब्रेक डाउन हो गया । दोनों ब्लास्ट फ़र्नेस बैठ गए । तब टीपी सिंग साहब पहले तो परेशान हो गए। फिर उन्होंने दुर्गा माता को याद करके उनसे आशीर्वाद मांगा हे माता इस ब्रेक डाउन की समस्या को ठीक करने का मुझे हौसला दो तो मैं आपके दर्शन हेतु डोंगरगढ आऊंगा ।  उन्होंने ब्रेक डाउन की बात फोन के माद्ध्यम से अमेरिका में बैठे गुलज़ार साहब को बताई तो गुलज़ार साहबे ने सुधार के कुछ टिप्स दिए और कहा कि मेरे बताए तरीके से काम करोगे तो जल्द ही समस्या का निवारण हो जाएगा । उधर कारखाने के मालिक चौहान जी बार बार टीपी सिंग पर दबाव बनाने लगे कि जल्द समस्या का निवारण करें और उत्पादन प्रारंभ करें अन्यथा मुझे इतना नुकसान होगा कि कारखाने को चलाने और कर्मचारियों के तनख्वाह देने के लिए मुझे बाज़ार से उधारी लेनी पड़ेगी । और अगर यह समस्या 15 दिनों से ज्यादा रही तो मुझे कारखाना बंद करना पड़ेगा । साहेब चौहान ने टीपी सिंग को करक आवाज में यह भी कहा कि अगर मेटलर्जी में बीटेक किया है तो ब्लास्ट फ़र्नेस का नालेज तो होगा ही कि ऐसे ही चिट मारकर पास हुए हो । आख्र इतनी तन्ख्वाह तुम्हें देता हूं सिर्फ़ लोगों से सरल काम को लेने के लिए थोड़ी देता हूं । प्लान्ट में आए समस्या का निवारण न कर सको तो तुम्हारे इंजिनयर बनने में लानत है ।।

फ़ेकटरी मालिक से इतना सुनने के बाद तो टीपी सिंग ने इस ब्रेकडाउन को एक चैलेन्ज के रुप में लिया और उसने मां बमलेश्वरी को मदद के लिए आव्हान करते हुए कसम खायी कि जब तक ब्रेकडाउन सुधर न जाए तब तक मैं कारखानेके अंदर ही रहूंगा , घर नहीं जाऊंगा । प्लानिंग करने के बाद टीपी सिंग ने प्लान्ट वरिष्ट तकनीशिय  ईस्माइल खान को अपने पास बुलाया और कहा कि । अभी इस कारखाने में हम दो ही व्यक्ति हैं जो ब्लास्ट फ़र्नेस की कार्यप्रणाली को समझते हैं । मैं अभी इसकी थ्योरी समझता हूं और तुम प्रेक्टिकल रुप में ब्लास्ट फ़र्नेस के बारे में बहुत कुछ जानते हो । हम दोनों को मिलकर इसे सुधारना है । मैं ब्लास्ट फ़र्नेस की कार्यप्रणाली को और गहराई से पढता हूं फिर हम दोनों इसे सुधारने हेतु और लोगों का सहयोग लेंगे ।  हमें इस कार्य में सफ़लता तभी मिल सकती है जब हम दिल से इस हेतु कार्य करें । अत: आप सारे अन्य कामों को छो्ड़कर मेरे साथ रहिए । हम दोनों को ही यह काम करना है । साथ ही यह काम हमें बिना रुके लगातार करना है । जब तम ब्लास्ट फ़र्नेस का ब्रेक डाउन सुधर न जाए तब तक हमें कारखाने में ही रहना है । चाहे इस कार्य में कितने भी दिन लग जाए । हमारे खानेऔर सोने का इंतजाम मैं यहीं करवा लेता हूं । इसके अलावा एक बात और अगर हम इसे 10 दिनों में नहीं सुधार सके तो इस कारखाने को इतना नुकसान होगा कि हम सबकी तन्ख्वाह भी शायद मिल पाए। घर की सारी चिन्ताएं घर वालों के उपर छोड़ दो । उन्हें बता दो कि तुम 10 दिनों तक फ़ेक्टरी में ही रहोगे । ईस्माइल जी एक और बात कल से नवरात्री और रमजान दोनों प्रारंभ हो रहे हैं । मैं तो दुर्गा माता को बहुत मानता हूं आने वाले दस दिनों तक उपवास रहूंगा सिर्फ़ फ़लाहार लूंगा । उसका इंतजाम मैं करवा रहा हूं । तुम अगर रमजान में रोज रोज़ा रखते हो तो बताओ सहरी और इफ़्तार की ज़रूरत की सारी व्यवस्था मैं करवा कर रखूंगा । ईस्माइल खान ने कहा कि मैं एक सच्चा मुसलमान हूं । मैं तो पूरे महीने भर रोज़ा रखता हूं । जहां तक सहरी और इफ़्तार की व्यवस्था की बात है मेरा लड़का मेरी व्यवस्था कर देगा । आप चिन्ता न करें । 

( क्रमशः)
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ब्रेक डाउन ( कहानी प्रथम क़िश्त )
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टी पी सिंग एक नवोदित इन्जीनियर है जो एक स्टील प्लांट में नया नया एपाइन्ट हुआ है।एक समय प्लांट का सीनियर इन्जीनियर महीने भर के लिए अमेरिका गया था उस समय प्लांट मेँ एक मेजर ब्रेक डाउन हो गया तब सारा दायित्व नवोदित इन्जीनियर टीपी सिंग पर आ गई तब उसने ब्रेक डाउन को किस तरह दूर किया। उसे कैसी कैसी समस्या आई और कैसे इं समस्याओं से लड़ा।

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