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ब्रेक डाउन ( अंतिम क़िश्त )

15 मई 2022

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ब्रेक डाउन ( अंतिम क़िश्त )

इसके बाद बीपी सिंग और ईस्माइल खान ब्लास्ट फ़र्नेस का फ़ाल्ट पकड़ने में जुट गए । चार घंटे की मश्क्कत के बाद उन्हें एक जगह फ़र्नेस की वायरिंग में कुछ खराबी दिखी तो उसे सुधारकर उन्होंने सप्लाई को चालू करवाया तो ईस्माइल खान को बहुत तेज़ का झटका लगा और वे कुछ देर के लिए संग्या शून्य हो गए । तुरंत ही बिजली की सप्लाई को बंद करायी गयी । कुछ देर बाद जब ईस्माइल को ठीक लगा तो उसने कहा कि ब्लास्ट फ़र्नेस की समूची वायरिंग को बदलनी पड़ेगी । टी पी सिंग ने तुरंत ही परचेस वालों को वायर का इंतजाम करने को कहा । तो कुछ देर बाद जवाब आया इसमें 2 दिन लगेंगे ।

फिर टी पी सिंग ने और मुआयना किया तो उसे पास ही रखे कोक की गुणवत्ता ठीक नहीं लगी । उसने तुरंत ही उस कोक को अमान्य करते हुए नये स्टाक से अच्छा कोक मंगवाया । 
उधर ईस्माइल खान जब ब्लास्ट फ़र्नेस का अवलोकन कर रहा था तो पता चला कि नीचे से आक्सिजन की सप्लाय वाली पाइप लाइन चोक है । वह अपने साथियों के साथ उसे सुधारने लगे । इस तरह 24 घंटे गुज़र गए ।  उधर टीपी सिंग के घर से खबर आई कि उनके बच्चे संजय सिंग की तबीयत खराब है आप आ जाइए तो जवाब में टीपी सिंग ने कहा मैं अपने स्टाफ़ को भेजता हुं जो बेटे को डाक्टर मेहता को दिखा देगा । मैं अभी यहां व्यस्त हूं तीन से चार दिनों तक घर नहीं आ पाऊंगा । जैसा भी हो मैनेज करो। यह सुनकर उसकी पत्नी गुस्से से कही कि ऐसी भी क्या नौकरी, ऐसा भी क्या काम । उधर ईसमाइल खान जब आयरन ओर का मुआयना करने लगा तो वहां भी उसे बहुत कमी दिखाई दी । उसने अयस्क के लाट को भी बदलवा दिया । अगले दिन सुबह उठते ही उनके समूह का एक आदमी घर से बनवाकर भजिया और आलू गुन्डा लाया था । उस कर्मचारी ने बड़े ही प्यार से टीपी सिंग और ईस्माइल खान को खाने को दिया तो वे शायद उस छोटे कर्मचारी का मन रखने भजिया समोसा खा लिए । उन्हें यह भी याद नहीं रहा कि वे उपवास व रोज़े पर चल रहे हैं । घंटे भर बाद उन दोनों को एहसास हुआ कि उनका उपवास व रोज़ा टूट गया है तो उन्हें बड़ा दुख हुआ । वे अपने अपने आराद्धय से माफ़ी मांगने लगे । उस दिन एक और विशेष बात हुई कि वे दोनों जो भी काम करने को किसी कर्मचारी को कहते तो वह कुछ न कुछ गलती करने लगा । इस तरह वह दिन उनका पूरी तरह से खराब रहा  । अगले दिन से ईस्माइल बीमार पड़ गया तो उसे घर भेज दिया गया और टीपी सिंग ने उन्हें आराम करने की सलाह दी । अब तक टीपी सिंग का आत्मविश्वास मजबूत हो गया था । उधर अमेरिका से गुलज़ार साहब बीच बीच में फोन करके कार्य का प्रोग्रेस पूछ्ते रहे व कुछ सलाह देते रहे। 
अगले दिन टीपी सिंग साहब ने ब्लास्ट फ़र्नेस के पास खुले हिस्से में दुर्गा माता की एक छोटी प्रतिमा विधि विधान से स्थापित करवा दी। इसके बाद वे जब भी काम में हाथ लगाते तो सबसे पहले दुर्गा माता का आशीर्वाद लेते ।
अगले चार दिनों तक टीपी सिंग के निर्देशन में उनकी टीम ब्लास्ट फ़र्नेस के सारे इन्लेट पाइप और आउट लेट पाइप को सक्शन विधी से अच्छी तरह से साफ़ करते रहे ताकि कोई पाइप लाइन में कोई असामान्य जमाव हो तो साफ़ हो जाए। इस तरह 8 दिन गुज़र गए। टीके सिंग को लगने लगा कि ब्लास्ट फ़र्नेस अब अच्छे से काम करेगा क्यूंकि उसकी खराबी दूर कर दी गई है साथ ही ओवर आइलिंग भी कर दी गई । उसने अपने एक टेकनिशियन से कहा ब्लास्ट फ़र्नेस को टेस्टिंग मोड में चालू करो । जब उस टेकनिशियन ने ब्लास्ट फ़र्नेस को टेस्टिंग मोड में डाला तो कहीं से भी सूं सा की भी आवाज़ नहीं आई ।  टी पी सिंग सोचने लगे कि अब क्या हो सकता है ? अचानक उन्हें लगा कि वास्तव में फ़र्नेस में ज्यादा कोई समस्या नहीं थी । मुख़्य समस्या अब उन्हें लगा कि स्टार्टिंग पेनल में ही है। बस क्या था, चार इलेक्ट्रिशियन को इलेक्ट्रिकल पेनल सुधारने को लगा दिया तो कुछ घंटों में पेनल पूरी तरह से सुधर गया । 
आज नवरात्री की अंतिम रात है । टी पी सिंग साहब ने माता दुर्गा की लंबी पूजा किया और मूर्ति को विसर्जित करने का काम किया साथ ही मां दुर्गा से आशीर्वाद मांगा कि अपने भक्त की समस्या का पूर्ण निवारण करो तभी मैं मानूंगा कि आपकी नज़र हम, भक्तों पर सदा रहती है । अगले दिन ब्लास्ट फ़र्नेस को चालू किया गया । कुछ घंटों के टेस्ट के बाद सबको विश्वास हो गया कि फ़र्नेस बहुत अच्छे से काम कर रहा है तो टीपी सिंग सहित उसकी टीम के सारे सदस्यगण खुशियों का इज़हार करते हुए नाचने लगे । उधर गुल्ज़ार साहब का फोन आया था कि मैं साइट  पहुंच रहा हूं  ।  
चार घंटों की टेस्टिंग के बाद सुबह के दस बज गए थे टी पी सिंग को विश्वास हो गया कि अब ब्लास्ट फ़रनेस पूरी तरह से सुधर गया है, तो वह अपनी टीम के सारे सदस्यों को धन्यवाद देते हुए कार में बैठ कर की ओर रवाना हो गए। वे जैसे ही फ़ेक्टरी के गेट से निकलने लगे उन्होंने देखा कि गुलज़ार साहब की कार फ़ेक्टरी के अंदर जा रही है तो उन्होंने हाथ हिलाकर उनहा अभिवादन किया । लेकिन उन्हें यह पता नहीं चला कि गुल्ज़ार साहब ने उन्हें देखा या नहीं । फ़ेक्टरी निकलने के पूर्व टीपी सिंग ने अपने घर फोन करके अपनी पत्नी से कह कि मैं पांच मिन्टों में घर पहुंच रहा हूं तुम तैयार होकर बाहर निकलो हमें सीधे यहां से डोंगरगढ जाना है बमलेश्वरी माता के आगे सर झुकाने के लिए । टीपी सिंग साहब डोंगरगढ से माता की पूजा करके जब वापस भिलाई आ रहे थे तो उन्होंने देखा कि दो गाड़ियां मंदिर के पार्किंग स्थल पर दो कारें रुकीं । उनमें से एक कार गुल्ज़ार साहब की थी और दूसरी कार फ़ेक्टरी के मालिक साहब सिंग चौहान की थी

 । समय गुजरता गया टीपी सिंग साहब रिटायर होकर अपने देश पटना चले गए पर आज भी उस फ़ेक्टरी के पुराने कर्मचारी गण उनके 10 दिनों के युद्ध स्तर के काम की तारीफ़ करते नहीं अघाते और उन्हें टीपी सिंग की जगह तोप सिंग के नाम से याद करते हैं और कहते हैं कि ऐसे साहब बिरले ही होते हैं, जो काम भी दिल लगा कर करते हैं और यह भी मानते हैं कि भगवान के आशीर्वाद के बिना कोई भी काम पूरा नहीं हो सकता ।
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ब्रेक डाउन ( कहानी प्रथम क़िश्त )
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टी पी सिंग एक नवोदित इन्जीनियर है जो एक स्टील प्लांट में नया नया एपाइन्ट हुआ है।एक समय प्लांट का सीनियर इन्जीनियर महीने भर के लिए अमेरिका गया था उस समय प्लांट मेँ एक मेजर ब्रेक डाउन हो गया तब सारा दायित्व नवोदित इन्जीनियर टीपी सिंग पर आ गई तब उसने ब्रेक डाउन को किस तरह दूर किया। उसे कैसी कैसी समस्या आई और कैसे इं समस्याओं से लड़ा।

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