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चाहत किस-की...?

9 जनवरी 2024

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चाहत किस-की...? 

एक समय की बात है, एक व्यक्ति अपनी हाल ही में एक कार खरीदी वो उस को बड़ी चाहत से धुलाई करके चमका रहा था। उसी समय उसका पांच वर्षीय लाडला बेटा, किसी नुकीली चीज से कार पर कुछ लिखने लगा। कार पर खरोंच लगती देखकर पिता को इतना गुस्सा आया कि वह बेटे का हाथ जोर से मरोड़ देता है। इतना जोर से कि बेटे की उंगलियां मुड़ सी जाती हैं। बाद में चिकित्सालय में पीड़ा से कराह रहा बेटा पूछता है- पापाजी, मेरी उंगलियां कब तक अच्छी हो जायेगी ? शर्मीन्दगी पर पछतावा कर रहा पिता कोई उत्तर नहीं दे पाता। वह वापस जाता है और कार पर लातें मार कर अपना गुस्सा निकालता है। कुछ समय के बाद उसकी नजर उसी खरोंच पर पड़ती है, जिसके कारण से उसने, अपने बेटे का हाथ मरोड़ा था। बेटे ने नुकीली वस्तु से लिखा था- मेरे प्यारे पापाजी।

सीख : गुस्सा और चाहत की कोई सीमा नहीं होती। याद रखें कि वस्तुऐं, उपयोग के लिए होती हैं और इंसान चाहत के लिए। परन्तु होता इससे विपरीत है। लोग वस्तुओं को चाहते है और लोगों का उपयोग करते हैं।

-दिनेश कुमार कीर
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अनमोल रिश्तें

20 जुलाई 2023
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कबूतरों का घोंसला अशोक जी के दो पुत्रों में जायदाद और ज़मीन का बँटवारा चल रहा था और एक चार बेड रूम के घर को लेकर विवाद गहराता जा रहा था एकदिन दोनो भाई मरने मारने पर उतारू हो चले, तो पिताजी बहुत जोर से

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नया साल

31 दिसम्बर 2023
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एक़ अक्ष सा दिखता है, एक़ ही शख़्स सा दिखता है, जहाँ जाता हूँ, लोग मुझमें आपको देखतें हैं, आपकी पहचान बताते हैं, तुम पापा जैसे दिखते हो, वैसे ही बात करते हो, वैसे ही

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चाहत किस-की...?

9 जनवरी 2024
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चाहत किस-की...? एक समय की बात है, एक व्यक्ति अपनी हाल ही में एक कार खरीदी वो उस को बड़ी चाहत से धुलाई करके चमका रहा था। उसी समय उसका पांच वर्षीय लाडला बेटा, किसी नुकीली चीज से कार पर कुछ लिखने लग

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उपहार का डिब्बा

12 जनवरी 2024
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मोबाइल ( उपहार का डिब्बा ) एक समय की बात है । सुबह विद्यालय जाते समय टप्पू को एक उपहार का डिब्बा सड़क के किनारे पर लावारिस मिला था । उस उपहार के डिब्बे में एक नया मोबाइल रखा हुआ था । उस डिब्बे को

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दिनू की कहानी

12 जनवरी 2024
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दिनू की कहानीएक समय की बात है । खेड़ा नामक एक गांँव में एक अमीर साहूकार हेमा रहता था । वह बहुत ही धनवान था । गाँव के लोग उसका बहुत सम्मान करते थे । इस वजह से साहूकार घमण्डी और अहंकारी हो गया था ।&nbsp

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सत्य और असत्य

12 जनवरी 2024
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सत्य व असत्यअनिल और सुनिल दोनों बहुत ही घनिष्ठ मित्र व सहपाठी भी थे। वे कक्षा - सात में पढ़ते थे। अनिल एक बुद्धिमान लड़का था। वह सत्य में विश्वास करता था। वह कभी असत्य नहीं बोलता था, जबकि सुनिल असत्य

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छलित एहसास

27 जनवरी 2024
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छलित एहसास मैं अक्सर ही रातों को चौक कर गहरी निंद्रा से जाग जाती हूंऔर मन में शुरू हो जाता है एक अंतर्द्वंद उस क्षण मैं सोचती हूं की आखिर क्यों मुझे अक्सर मध्य रात्रि गए ये कैसीअनु

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प्रेम (पति - पत्नी का)

2 फरवरी 2024
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प्रेम ( पति - पत्नी का ) एक साहूकार जी थे उनके घर में एक गरीब आदमी काम करता था । जिसका नाम था । मोहन लाल जैसे ही मोहन लाल के फ़ोन की घंटी बजी मोहन लाल डर गया । तब साहूकार जी ने पूछ लिया ?"मोहन लाल

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मुझे माफ कर दो

5 फरवरी 2024
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मुझे माफ कर दो : - श्याम लाल अत्यन्त सरल स्वभाव का व्यक्ति था । वह भाग्य से अधिक कर्म करने पर विश्वास करता था । इसके लिए उसका अपना परिचय कठोर सख्त - स्वभाव का था । अनुशासन और मान मर्यादा के लिए उ

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रंग बिखेरते फूल

7 फरवरी 2024
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रंग बिखेरते फूलएक कस्बे में एक सामान्य परिवार निवास करता था। परिवार में पति हरि प्रसाद और पत्नी नारायणी और दो बेटे थे - बड़ा बेटा सुरेश और छोटा बेटा मनोज। दोनों की विद्यालय जाने की उम्र हो गयी थी। दोनो

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सच्चा मित्र

17 फरवरी 2024
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सच्चा मित्रएक गाँव में एक व्यापारी अपनी पत्नी और बारह साल के बेटे, अनीश के साथ बहुत खुशी - खुशी रहता था। व्यापारी के कारोबार में दिन - रात तरक्की होती थी। अनीश इकलौती सन्तान होने के कारण लाड - दुलार म

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