संतो के ड्रेस कोड हो गए ।
वो सिंहासन पर सजते है ।
गई मघुरता वाणी की ।
युद्ध आज वो करते हैं ।
ना तो त्याग ना व्यवहार ।
ना है कोई शिष्टाचार।
करते केवल अत्याचार ।
बिना ज्ञान के प्रवचन देते ।
समझे अपने को भगवान।
असहायों का शोषण करते ।
भांग गाँजा चिलम पीते ।
सोमरस का करते पान ।
क्या है ये संतों के काम।