हिंदी कविता व्यंग्यशीर्षक-: हाय रे चीन (कोरोना और चाइना )हाय रे चीनचैन लिया तूनेसबका छीनकुछ भी न बचातुझसे ऐसाजो न खायातूने बीन बीनहाय तू कैसा शौक़ीनसारी दुनिया कोदे के Covid 19कर दिया तूनेशक्तिहीनजब वो रो रहीबिलख रहीतब तू बन ने चलामहा महीमहाय रे चीनतुझ पर Biological Weaponबनाने का आरोप लगाफिर भी तू ह
धर्म-जाति से परे हिंदी कविता एक भयावह महामारी पर शीर्षक -: कोरोना वायरस लिखना नहीं चाहती थी पर लिखना पड़ा कहना नहीं चाहती थी पर कहना पढ़ा आज कल जो माहौल है उसे देख ये ख़ामोशीतोडना पड़ा जब हम जैसे पढ़े लिखे ही चुप हो जायेंगे तो इस देश को कैसे बचा पाएंगे जो फंसे हुए हैं हिन्दू -मुस्लिम के आपसी मुद्दों म
आज 22 मार्च 2020 को, 'जनता कर्फ्यू' का आवाहन हुआ है, और देश ने तय किया की हम अपनी बालकनी या दरवाजों पे ख