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क्रिप्टो- करेंसी : फंडामेंटल

6 जनवरी 2022

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 क्रिप्टोकरेंसी  एक ऐसा शब्द है जो बीते साल में आपकी  जानकारी में जरूर आया होगा.  इस शब्द  ने वित्तीय और कंप्यूटर  जगत में जो क्रांति लायी है उसे हम  शब्दों में परिभाषित नहीं कर सकते. लेकिन है क्या  ये आखिर,  क्यों  इतना महत्त्व दिया जा रहा है इसे,  और इसका आम  जीवन में क्या प्रभाव पड़ेगा.   आइये जानते हैं सरल भाषा में. 

क्रिप्टोकोर्रेंसी एक प्रकार की आभाषी मुद्रा है (वर्चुअल मनी),  जिससे आप  कुछ भी  लेन- देन  कर सकते हैं. इसे आप डिजिटल मनी भी कह सकते हैं.  इसे आप सॉफ्टवेयर के कांसेप्ट की तरह समझ सकते हैं , जैसे आप सॉफ्टवेयर को छु नहीं सकते , वैसे ही आप क्रिप्टोकोर्रेंसी को भी न ही देख सकते हैं  , और न ही छू सकते हैं. 

अब सवाल उठता है की जिसे देख नहीं सकते , छू  नहीं सकते उसे कमाया और खर्च कैसे किया जाता है.  

चलिए इसकी तुलना  हम  रुपयों से करते हैं, आपके पास  मसलन 10 रूपये का नोट है तो उसकी कीमत 10 रूपये है कल भी 10 होगी ,  पर क्रिप्टो करेंसी की कीमत मन लीजिये आज 100 रूपये है तो कल को बढ़  कर 110 भी हो सकती है या 90 भी.  इसे आप बिना कुछ  ट्रांसफर चार्ज दिए जगह से दूसरे जगह ट्रांसफर कर सकते हैं.  ऑनलाइन इस से कुछ भी खरीद सकते हैं. और सबसे बड़ी बात इसे चुराना लगभग असंभव है.  ( और वो इसकी आधारभूत तकनीक की वजह से).

 अंग्रेजी  में crypt शब्द का अर्थ होता है लॉकर या तहखाना (इस सन्दर्भ में हम इसे तिजोरी भी कह सकते हैं )  इस शब्द से इज़ाद हुआ क्रिप्टोग्राफ़ी जिसका शाब्दिक अर्थ है कूटलेखन , सरल भाषा में हम इसे  एन्क्रिप्शन डेक्रिप्शन के कांसेप्ट से समझेंगे , उदाहरणतः पुराने समय में जबकिसी गुप्त बात को एक जगह से दूसरी जगह पहुंचना होता था तो पहले उस बात को किसी सांकेतिक भाषा मेंपरिवर्तित किआ जाता था , इस प्रक्रिया को एन्क्रिप्शन कहा जाएगा.  फिर उसे संदेशवाहक के जरिये पहुंचाया जाता था इसे हम ट्रांसफर कहेंगे . फिर उस संकेतिक भाषा से मुख्य बात को पुनः सरल भाषा में परिवर्तित किआ जाता था ताकि उसे  प्राप्तकर्ता समझ सके. इसे हम डेक्रिप्शन कहेंगे. बस इसी कांसेप्ट का उपयोग कर बनी  है क्रिप्टोकॉरेन्सी. 

बिटकॉइन (BITCOIN)  ने दुनिया  को क्रिप्टोकोर्रेंसी के कांसेप्ट से अवगत कराया था,  इसे सबसे पहले एक वाइट पेपर की  तरह  प्रकाशित किया गया था, मतलब सिर्फ एक कांसेप्ट की तरह,  जिसका मुख्य बिंदु यह था ऐसी एक करेंसी बनाना जिसे कोई अधिनियमित नहीं करती हो, यानि कोई  केंद्रीय इकाई नहीं, कोई एक मुख्य सर्वर नही  जहाँ सारे लेन-देन  का हिसाब रहता हो.  वरन ऐसे सर्वर्स का पूरा एक जाल हो जहाँ हर  सर्वर के नोड (सर्वर की इकाई ) पर लेन -देन का कुछ डाटा संचित रहता हो.  और ये सम्भव हुआ सॉफ्टवेयर के एक    कांसेप्ट ब्लॉकचैन की मदद से  जिसके बारे में हम विस्तार से आगे जानेंगे.  

 2009  में जब बिटकॉइन ने  दुनिआ में पहला कदम रखा तब नहीं पता था की वर्चुअल मनी का  कारोबार दिन दूना रात चौगुना बढ़ेगा , आज अनुमानतः क्रिप्टोकोर्रेंसी का मार्किट 3 ट्रिलियन डॉलर  (लगभग 3 लाख करोड़) का है  वो भी  सिर्फ 13सालो में.   

बिटकॉइन की ही तरह एक और क्रिप्टोकोर्रेंसी है जो की आज कल  काफी चलन में है एथेरेयम.  इस क्रिप्टोकोर्रेंसी का प्रोसेसिंग समय बिटकॉइन से काफी काम है इसलिए इसकी मार्किट में काफी ज्यादा डिमांड है. यह बिटकॉइन के बाद सबसे मशहूर क्रिप्टोकोर्रेंसी है .          

 

 

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