दिनांक – २५-०९-२०१६
प्रति, संपादक महोदय श्री, दैनिक भास्कर, जोधपुर (राज.)
विषय :- आपके अख़बार में दिनांक २५-०९-१६ को झूठी खबर छपने के सन्दर्भ में |
महोदय श्री, संत श्री आशारामजी बापू को दिल्ली AIIMS में मेडिकल जाँच के लिए भारी सेक्युरिटी के बिच लाया गया था जहाँ पर वे लगातार १० से ज्यादा सेक्युरिटी के लोगों के बीच में थे | जो मेडिकल स्टाफ बापूजी की जाँच कर रहा था, उसमे कोई नर्स नहीं थी | संत श्री आशारामजी बापू कभी ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं करते है, जैसा आपके अख़बार की खबर में छपा है | उन्हें ऐसी हलकी व अशिस्ट टिपण्णी की भाषा प्रयोग करने की आवश्यकता ही नहीं और वे हमेशा ही उच्च विचार तथा शिस्टाचार भरी भाषा का ही प्रयोग करते है | वे अपने भक्तों को भी ऐसी भाषा प्रयोग करने की सिख नहीं देते तो स्वयं कैसे प्रयोग कर सकते है | आपकी जानकारी के लिए, कोर्ट ने आशारामजी बापू के साथ में एक सेवक (विमल) को भेजने की छुट दी थी जिसकी टिकिट भी प्रशाशन द्वारा की गई थी | पूज्य बापूजी बाहर की कोई चीज़ वस्तु खाते नहीं है, इसलिए विमल ही नाश्ता और भोजन लेकर आया था | जैसा कि आपके अख़बार में छपा है, ऐसी कोई शिकायत किसी नर्स को होती, तो वह पुलिस के रेकोर्ड में होती क्यूंकि लगातार ८-१० पुलिस ऑफिसर बापूजी के साथ में ही थे | अभी पूज्य बापूजी की ज़मानत की अर्जी सुप्रीम कोर्ट में लगी हुई है और जब भी ज़मानत की अर्जी की सुनवाई या फैसला आने को होता है, उसी समय ऐसी झूठी और नकारात्मक खबरों को असामाजिक तत्वों द्वारा जैसे कि कुछ NGO’s अथवा मिशनरियों द्वारा प्रायोजित करवाकर एक हिन्दू संत की ज़मानत की अर्जी ख़ारिज करवाने के मलिन इरादे से छपवाई जाती है | इस खबर का आधार क्या है ? यह हमारी समझ से परे है कि क्यों ऐसी बेतुकी खबर आपके अख़बार में छापी गई है | अतः आपश्री से प्रार्थना है कि इस झूठी खबर के लिए माफ़ीनामा प्रकाशित करे अथवा प्रेस काउन्सिल ऑफ़ इंडिया में शिकायत सहित अन्य क़ानूनी कार्यवाही के लिए तैयार रहे |
धन्यवाद् !
नीलम दुबे
प्रवक्ता संत श्री आशारामजी आश्रम,
dubeyneelam@yahoo.com