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दैनिक लेखन प्रतियोगिता2022-05-16

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गहरी काली रातें

गहरी काली रातें

हम सब ने ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं और आज भी देख रहे हैं पर मुश्किलों से भरा खूबसूरत सफ़र निरंतर चल रहा है और रोचक दृश्य और गंभीर भावना के "रस" की हर अंदाज़ से भरा हुआ है इसकी पहली "तस्वीर" है जो हम सबकी ज़िंदगी का ऐसा आईना है जो निरंतर

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गहरी काली रातें

गहरी काली रातें

हम सब ने ज़िंदगी में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं और आज भी देख रहे हैं पर मुश्किलों से भरा खूबसूरत सफ़र निरंतर चल रहा है और रोचक दृश्य और गंभीर भावना के "रस" की हर अंदाज़ से भरा हुआ है इसकी पहली "तस्वीर" है जो हम सबकी ज़िंदगी का ऐसा आईना है जो निरंतर

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INNOCENT TRIBLE

16 मई 2022
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ये सच कहते मेरी जुबां नहीं थकती,हम हैं जंगल के वासी पर ,ना जाने सरकार हमसे क्या है चाहती ।ना हम हैं नक्सल और ना कोई उग्र जाति,ना जानें क्यों पिस्ते हैं हम भगदड़ में मासूम आदीवासी ।कोयले की अब जो खदाने

SAVE HASDEO FOREST

16 मई 2022
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माना की वहाॅं खनिज है तो क्या हुआ हर किसी का जीवन है जंगल,तुम ठहरे पैसे के भूखे कहाॅं जानोगे प्रकृति का आने वाला कल ।सोचो कितने नादान और चालाक हैं लोग, मौत सामने बार-बार आ रही,और जंगल में बने घरों को

LOVE IS BLIND

16 मई 2022
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हम मिलेंगे उसे ये याद है,दूर तो है मगर थोड़े आसपास हैं ।करीब बैठे तस्वीरों को देख सोचते हैं बहुत,हम मिले तो नहीं मगर बहुत ख़ास हैं ।सुकून उसके बाद भी रहेगी मालूम नहीं मुझे,मगर दिलासा देने वाली होगी ये

BROKEN CHAINS

16 मई 2022
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कब तक किसी से बिछड़ कर उसे कोसते रहोगे, मोहब्ब्त हसीन लम्हा है कब तक उसे बेहुदा कहोगे ।ज़िंदगी का दस्तूर है कि बिछड़ना जरूरी होता है,तभी तो किसी ख़ास क़रीब से मोहब्ब्त करोगे ।लम्हें वैसे नहीं होत

JOURNEY

16 मई 2022
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रोज़ आधी नींद लिये हर रात हमेशा की तरह जाग जाता हूॅं, कुछ मेरे ही सवाल होते हैं जिनके जवाब मैं ख़ुद ही ढूंढने लगता हूॅं और फिर, मन ही मन ये सोचता हूॅं, अब भी कोई ज़िंदगी का हिस्सा मुझसे वाक़िफ है क्या

ONE MOVEMENT

16 मई 2022
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क्या लिखूं मैं तुझे की मैं तुझे याद रहूॅं ,बुने अल्फाजों में तुम्हें हमेशा याद रहूॅं ।बचपन,जवानी,बुढ़ापा सब बीत जीती है,बारिशों की बूंदे छू कर कहीं खो जाती है ।घर की चौखट में कभी मैं अब तन्हा बैठा,लम्

OLD days

16 मई 2022
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ज़िंदगी आज हम हैं कल कोई और होगा ,हम नही भी हुए तो क्या, हमशे बेहतर होगा ।ये वक्त , वक्त की हर इक बातों पर छोड़ दो,वो कभी हमशा होगा तो कभी तुमसा होगा ।ख़्यालों का समां होगा बावरा सा मन होगा,गुजरेंगे ल

ज़हर

16 मई 2022
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जिसे देखो शहर में मोहब्बत का मारा हो गयाजाने कैसे फिर वो अजनबी बेसहारा हो गयाहमने देखे हैं चॉंद के करीब सितारें बहुत सेघर लौटे तो पता चला ज़हर ज्यादा हो गयासोचो कि मोहब्बत में क्या असर हुआ होगापरिंदों

GREEN FOREST

16 मई 2022
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आखिर ठहर कर क्या देखते इस ज़माने में,सब बेघर हुए थे अपने छोटे से आशियाने से ।ऊंचे-ऊंचे दरख़्त देखे हर जगह हर तरफ़ मैने,फिर उसे काटते इंसान के बहुत से प्यादे देखे ।जा रही थी दरख़्त की जान ऐसे ज़माने दे

HALF ASLEEP

16 मई 2022
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कब तक देखते आसमॉं में सितारे मुसलसल ,अब सितारा सुबह होते कहॉं गुमनाम हो गया ।अनजान से ही थे हम अपने ही शहर में ,ना जाने किन-किन को हमसे काम आ गया ।लिख रहे हर वक्त ख़त एक अनजान शख़्स को,जाने कहॉं से हम

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