कब तक किसी से बिछड़ कर उसे कोसते रहोगे,
मोहब्ब्त हसीन लम्हा है कब तक उसे बेहुदा कहोगे ।
ज़िंदगी का दस्तूर है कि बिछड़ना जरूरी होता है,
तभी तो किसी ख़ास क़रीब से मोहब्ब्त करोगे ।
लम्हें वैसे नहीं होते जैसा हम हर रोज़ सोचते हैं,
वो हसीन होते हैं, खुशनुमा होते हैं और बिखरते हैं ।
कुछ वादे निभाए जाते हैं तो कुछ छोड़ दिए जाते हैं ,
दिल छोटा करने से क्या होगा मिलने वाले मिल जाते हैं ।
कश्ती कभी समंदर से उसकी गहराई नहीं पूछता,
किनारा कभी हर इक से बेवजह मिलने नहीं आता।
तुम तो इक खूबसूरत ख़ुदा के बनाए इक इंसान हो ,
किसी के जाने से इतना क्यों टूटने लगते हो।
ज़िन्दगी हसीन और खुबसूरत है इसे खुल कर जियो,
इतना बेवजह क्यों बार-बार सोचते हो।
जिसे आना होगा वो बताएगा नहीं ,
हर पल साथ होगा मगर जताएगा नहीं ।
जब मिलोगे उससे तो दिल धड़कने लगेगा,
सारी बात वो बीना बोले समझने लगेगा ।
मोहब्ब्त क्या होती है उसके बाद समझ आएगी ,
ज़िन्दगी का मतलब समझाने वाला साथ होगा....
- डेनिरो सलाम