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dhar rajgarh mataji ka swang - YouTube

20 अप्रैल 2016

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The mother's attraction farce after making the move sets in the faith ... ... Mother saw the empty farce In the past several Malvachanl-standing tradition बू...



मध्यप्रदेश / धार : हमेशा से ही कहा जाता है कि हमारे देश में कई तरह के अंधविश्वास और मान्यताए है जिन्हें हम आज भी धर्म से जोड़कर देखते है। देश की यही तस्वीर मध्यप्रदेश के धार जिले मे देखने को मिलती है ओर वो भी सरदारपुर तहसील के कस्बों व राजगढ़ नगर में। जहा नवरात्रि के दिनों में माॅ की आराधना के अन्तिम दिनों यानि अष्टमी-नवमी ओर दशमी पर ये प्राचीनसमय से चलता आ रहा माताजी का स्वांग जो देर रात्रि तक देखने के लिये लोगो की भीड़ उमड़ती है। हालाकि प्राचीन समय की परंपरा आज भी जारी है इसके लिये पहले तो स्वांग कैसे रचा जाता है नवरात्रि के मां की आराधना के बीच निकलते इस स्वांग में आगे भैरुजी व उसके बाद माताजी के वेशभूषा पुरुष सजकर तैयार हो जाते है ओर ढोल पर नृत्य करते भैरुजी व माताजी का स्वांग निकलकर लोगो की भीड़ उमड़ती है। जब शुरु होता है आस्था का रंग ,जब देर रात तक पूरा नगर जागता है। अब स्वांगधारी कैसे सजते है भैरुजी को सिन्दूर लंगोट ओर साकल से बाधा जाता है ओर माताजी के वेश धारण पुरुष करता है सिर पर मुकूट ओर भुजा को पीट पर बाधंते है। हाथो में तलवार ओर दूसरे हाथ में जलता खप्पर उठाने के पूर्व हाथ में गोबर का लेप किया जाता है उसके बाद माताजी का स्वांग प्रांरभ होता है। जब एक स्वांगधारी से बात की तो उसका कहना है पहले से चल रही है परंपरा है स्वांग भर जब हम निकलते है तो बहुत ध्यान से हमें चलना होता है क्योकी नवरात्रि में तात्रिक क्रियाए बहुत होते है कई बार कोई तंत्र विद्या से मुठ मारते है। जिसमें अगर माताजी का अंश आ जाता है ओर कोई मुठ मारते है तो माताजी का वेश धारण पुरुष की जान भी जा सकती है। आखिरकार इसे आस्था कहे या अंधविश्वास। आराधना ओर उसके बीच एक अद्भूत माताजी का स्वांग हर कोई के मन में आस्था की उमंग को भर देता है। नवरात्री के विशेष यह धार जिले के सरदारपुर तहसील व राजगढ़ में देखने को मिलता है। आखिर क्या है अद्भूत माताजी स्वांग इस स्वांग में आगे सजकर भैरुजी का रुप धर कर हाथ में लिये तलवार ओर साकल से पकड़कर एक युवक चलता है। भैरुजी के बाद माताजी का वेश धारण कर एक हाथ में तलवार ओर दूसरे हाथ में प्रज्वलित खप्पर लिये नृत्य करते हुए नगर में निकलते है। मधुर ढोल की आवाज जय अम्बे कल्याण करो भक्तो का भण्डार भरो व जय अम्बे जय भवानी के गुंज के बीच यह अद्भूत माताजी का स्वांग निकलता है जब निकले इस स्वांग के दृश्य को देखते ही लोगो की भीड़ उमड़ पड़ती है साथ ही मानों स्वंय माता अपने भक्तो को दर्शन देने आ रही हों। कुछ लोग इसे आस्था की नजर से देखते है ओर यह माताजी का स्वांग देखने के लिए आसपास ओर दुर दुर से भी लेाग आतें है। कई लोग तो दर्शन भी करते है तो कई आर्शीवाद भी लेते है। म 

                                                                                                                                  

                                                                                                                                 Reporter :- अक्षय आजाद भण्डारी 



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