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दिल को छू लेने वाली कहानियां

महेश कुमार

4 अध्याय
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2 पाठक
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इस किताब की कहानियां देहाती क्षेत्र के उन गांवों की असली कहानियां है जो आपको गांव की पृष्ठभूमि व वहां के लोगों का संघर्ष और उनके जिंदादिली से रूबरू करवाएगी। इन कहानियां में गांवों में असली में संघर्ष की कहानियां है। इनके पात्र काल्पनिक जरूर है लेकिन कहानियां हकीकत की है। इन कहानियाें में एक बच्ची के सफल होने का संघर्ष, एक स्वाभिमानी आदमी का संघर्ष, एक अत्याचार का अंत सहित कई पहलुओं को उजागर किया गया है। इन अनछुए पहलुओं को शब्दों में पिरोकर आपके समक्ष प्रस्तुत किया गया है। इन कहानियां से जीवन में आगे बढ़ने के लिए आने वाली बाधाओं को पार करने का साहस, स्वाभिमान व शिखर से पतन की ओर व पतन से शिखर और ले जाने के लिए किए गए संघर्ष की कहानियां है। यह बच्चों के लिए प्रेरणा देने वाली व महिलाओं के लिए सीख लेने वाली कहानियां है। इन कहानियां से युवा प्रेरित होकर अपने आप को मजबूत कर सकता है। यह अप्रकाशित कहानियां स्वरचित है जो लेखक ने जैसे अपने जीवन में देखा वैसा ही शब्दों में पिरोया है।  

dil ko chu lene wali kahaaniyaan

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पुस्तक के भाग

1

नई सुबह

2 मार्च 2022
1
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सुबह-सुबह आकाश से धीरे धीरे अंधेरा छटने लगा। पूर्व दिशा में लालिमा छाई हुई थी। मौसी ने खेतू को उठने की आवाजा लगाई- ऐ खेतुडी उठ दिन निकलने आया है। ढोर बाड़े में बंधे हुए है। उठ कर चराने ले जा। खेतु दिन

2

बदलती तकदीर

2 मार्च 2022
0
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रमेश अपने चार भाईयों में सबसे छोटा था। बाकी तीन भाई अपनी अपनी गृहस्थी के साथ गांव में ही खेती बाड़ी का काम करते थे। रमेश सबसे छोटा होने के कारण माता-पिता व भाईयों के लाडला था। उसे गांव की स्कूल में आठ

3

स्वाभिमान

2 मार्च 2022
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पंडित हरिदेव जी भले आदमी थे। गांव में उनकी पंडिताई का लोहा माना जाता था। उनकी गांव में अच्छे लोगों के बीच उठ बैठ थी। पंच अपनी पंचायती में पंडितजी को अक्सर बुलाया करते थे। उनकी बात को तवज्जो देते थे। प

4

अपनों का दर्द

2 मार्च 2022
1
1
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आषाढ के महिने की तपती दोपहरी थी। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। देह झुलसाने वाली गर्मी के कारण सभी जीव जन्तु छांव में सुस्ता रहे थे। एक दम शांति छाई हुई थी। ठाकुर उदयभान अपनी हवेली में सुस्ता रहे थे। ए

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