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महेश कुमार के बारे में

मैं दैनिक भास्कर न्यूज पेपर में वरिष्ठ उप संपादक के पद पर कार्यरत हूं, मुझे लेखन और खबर बनाने का 15 साल से अधिक का अनुभव है। वर्तमान में मैं बाड़मेर यूनिट में कार्यरत हूं और रिजनल डेस्क इंचार्ज हूं।

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महेश कुमार की पुस्तकें

 दिल को छू लेने वाली कहानियां

दिल को छू लेने वाली कहानियां

इस किताब की कहानियां देहाती क्षेत्र के उन गांवों की असली कहानियां है जो आपको गांव की पृष्ठभूमि व वहां के लोगों का संघर्ष और उनके जिंदादिली से रूबरू करवाएगी। इन कहानियां में गांवों में असली में संघर्ष की कहानियां है। इनके पात्र काल्पनिक जरूर है लेकिन

निःशुल्क

 दिल को छू लेने वाली कहानियां

दिल को छू लेने वाली कहानियां

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महेश कुमार के लेख

अपनों का दर्द

2 मार्च 2022
1
0

आषाढ के महिने की तपती दोपहरी थी। चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। देह झुलसाने वाली गर्मी के कारण सभी जीव जन्तु छांव में सुस्ता रहे थे। एक दम शांति छाई हुई थी। ठाकुर उदयभान अपनी हवेली में सुस्ता रहे थे। ए

स्वाभिमान

2 मार्च 2022
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पंडित हरिदेव जी भले आदमी थे। गांव में उनकी पंडिताई का लोहा माना जाता था। उनकी गांव में अच्छे लोगों के बीच उठ बैठ थी। पंच अपनी पंचायती में पंडितजी को अक्सर बुलाया करते थे। उनकी बात को तवज्जो देते थे। प

बदलती तकदीर

2 मार्च 2022
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रमेश अपने चार भाईयों में सबसे छोटा था। बाकी तीन भाई अपनी अपनी गृहस्थी के साथ गांव में ही खेती बाड़ी का काम करते थे। रमेश सबसे छोटा होने के कारण माता-पिता व भाईयों के लाडला था। उसे गांव की स्कूल में आठ

नई सुबह

2 मार्च 2022
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सुबह-सुबह आकाश से धीरे धीरे अंधेरा छटने लगा। पूर्व दिशा में लालिमा छाई हुई थी। मौसी ने खेतू को उठने की आवाजा लगाई- ऐ खेतुडी उठ दिन निकलने आया है। ढोर बाड़े में बंधे हुए है। उठ कर चराने ले जा। खेतु दिन

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