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स्वामी विवेकानंद जी रायपुर के सबसे बड़े शिक्षा शास्त्री कोतवाली से बिजली ऑफिस चौक के बीच ऐतिहासिक डे भवन है। इस भवन में 14 वर्ष की उम्र में स्वामी विवेकानन्द यहां नरेन्द्रनाथ नाम से किशो
तारागढ़ (बूंदी) बूंदी रियासत के तारागढ़ क़िले का रियासती दृश्य। (वर्ष 1902ई) फोटो में सबसे ऊपर तारागढ़ किले की दीवारों पर गौर करें, महाराव राजा रघुवीर सिंह जी के समय महल ही नही अपितु किला भी अप
नम्बरदार चौधरी उदमीराम नम्बरदार चौधरी उदमीराम गांव लिवासपुर जो कि सोनीपत के पास है, लीवान के आसपास के सभी गाँवो के लोगों ने सन् 1857 की क्रांति के साथ जुड़ गए थे । देश का ध्यान इस एरिया पर आया।
नौजवान क्रांतिवीर यानी 14 अगस्त 1942 , आज़ादी से ठीक पांच वर्ष पहले बेवर नगर विदेशी दासता से हो गया था आज़ाद.... मिडिल स्कूल के कक्षा 6 व 7 के छात्र व नगर के नौजवान क्रांतिवीर ( विद्यार्थी कृष्ण कु
महान क्रांतिकारी मदनलाल ढींगरा व वीर सावरकर साबरमती के संत तूने कर दिया कमाल... 17 अगस्त 1909 : इंग्लैंड की पेंटोविल्ले जेल के बाहर वीर सावरकर एक 25 वर्ष के नवयुवक के शव को लेने की प्रतीक्षा कर र
अमर शहीद क्रांतिकारी शिवराम हरि राजगुरू मातृभूमि की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व अर्पण करने वाले महान क्रांतिकारी अमर शहीद "शिवराम राजगुरु जी" की जयंती (24 अगस्त) पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन
रानी पद्मिनी क्या न पद्मिनी – जौहर का आख्यान सुना प्राचीनों से? क्या न पढ़ा इतिहास सती का विद्या – निरत नवीनों से? यदि न सुना तो सुनो कहानी सती – पद्मिनी – रानी की। पर झुक झुककर करो वन्दना,
राजा राना बेनी माधव सिंह जी उन्नाव के बैसवारा ताल्लुक के राजा राना बेनी माधव सिंह जी ने रायबरेली ही नही बल्कि अवध क्षेत्र के बड़े हिस्से में अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ क्रांति की मशाल जलाई थी । अंग्रे
प्रतिज्ञा प्रताप कीप्रतिज्ञा प्रताप की चित्तौड़ का किला मेवाड़ की विरासत था लेकिन युद्ध के दौरान मुगलों ने इसे अपने कब्ज़ें में कर लिया था । जिसके बाद वीर योद्मा महाराणा प्रताप जी ने प्रतिज्ञा
वीर शिरोमणि राणा पूंजा महाराणा प्रताप द्वारा मुगल अकबर के विरूद्ध लड़े गये दीर्घकालीन स्वतंत्रता - संग्राम का अदम्य सेनानी, पानरवा के सोलंकी शासक एवं भोमट क्षेत्र के गौरव वीर शिरोमणि राणा पूंजा जिन्ह
गोरा और बादल गोरा और बादल चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के महान योद्धाओं में से एक थे, जो चित्तौड़गढ़ मेवाड़ के रावल रतन सिंह के बचाव के लिए बहादुरी से लड़े थे | गोरा ओर बदल दोनों चाचा-भतीजे जालोर के
राणा सांगा बाबर को हिंदोस्तान का ताज पानीपत जितने से नही मिला बल्कि जब खानवा में उसकी तोपों के सामने सांगा के राजपूत पीछे हटे और फिर कुछ समय बाद सांगा को किसी अपने ने ही विष देकर मार दिया तो बाबर "
रानी पद्मावती... राजपूतों ने इतिहास में शौर्य की जो पटकथा रची है वो आज भी भारत की दृढ़ता, संघर्ष एवं जीत की ललक को दर्शाता है, ऐसा नहीं है कि संघर्ष में सिर्फ राजपूत मर्दों ने ही अपनी वीरता का प्रदर्
राजस्थान के इतिहास 1582 में दिवेर का युद्ध एक महत्वपूर्ण युद्ध माना जाता है, क्योंकि इस युद्ध में राणा प्रताप के खोये हुए राज्यों की पुनः प्राप्ती हुई, इसके पश्चात राणा प्रताप व मुगलो के बीच एक लम्बा
राणा सांगा पेनोरमा खानवा, भरतपुर धौलपुर रोड पर रूपवास के पास खानवा में ये वही पहाड़ी है जिस पर खड़े होकर राणा सांगा ने बाबर के खिलाफ युद्ध में अपना सेना को नेतृत्व दिया था। यह युद्ध स्थली खानवा इसलिए
महाराणा प्रताप को अपनी विशाल मुगलिया सेना, बेमिसाल बारूदखाने, युद्ध की नवीन पद्धतियों के जानकारों से युक्त सलाहकारों के उपरांत भी जब अकबर महाराणा प्रताप को झुकाने में असफल रहा तो उसने आमेर के महाराजा
छत्रपति शिवाजी महाराज हिन्दू हृदय सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज से मुगलों ने टक्कर ली, शिवाजी की बढ़ती हुई शक्ति से चिंतित होकर मुगल बादशाह औरंगजेब ने दक्षिण में नियुक्त अपने सूबेदार को उन पर चढ़ाई
राजपूत रेजिमेंट हमारी वीरता और शौर्यता सिर्फ इतिहास में ही दर्ज नहीं बल्कि वर्तमान समय में भी राजपूत_रेजिमेंट के जवानों ने अपनी हिम्मत और शक्ति का प्रदर्शन करते हुए देश के दुश्मनों के कई बार दांत खट्
कल्पना दत्त का जन्म 27 जुलाई 1913 को बांगलादेश में हुआ था। 1943 में उनका कम्युनिस्ट नेता पूरन चंद जोशी से विवाह हो गया और वह कल्पना जोशी बन गईं। कल्पना ने शुरुआती पढ़ाई चटगांव से की। इसके बाद 1929 म
सेठ रामदास जी गुड़वाले 1857 के महान क्रांतिकारी, दानवीर जिन्हें फांसी पर चढ़ाने से पहले अंग्रेजों ने उन पर शिकारी कुत्ते छोड़े जिन्होंने जीवित ही उनके शरीर को नोच खाया । सेठ रामदास जी गुडवाला दिल्
इस्राइल में 2.3% आबादी ब्लैक यहूदियों की हैं जिन्हें बीटा यहूदी कहा जाता है. इथियोपिया मूल के बीटा यहूदियों से इसराइल में नस्ल के आधार पर भेदभाव किया जाता है । बीटा यहूदियों के उत्पत्ति की कई थ्य
रामनारायण आजाद जी के पुण्यतिथि पर उन्हें शत शत नमन उत्तर प्रदेश के फर्रुख़ाबाद स्थित मोहल्ले, साहब गंज चौराहे पर पं.ज्वाला प्रसाद दुबे और बादामों देवी के यहां 2 सितंबर 1897 को पं राम नारायण आजाद का
होशियारपुर के कंडी क्षेत्र का गांव धर्मपुर बेशक आर्थिक, शिक्षा तथा विकास की दृष्टि से पिछड़ा हुआ है लेकिन इस गांव का राष्ट्रीय स्तर पर धार्मिक तथा ऐतिहासिक महत्व है। गांव जहां माता धर्मपुरी देवी मंदिर
सीताराम राजू का जन्म 15 मई, 1897, विशाखापट्टनम और शहादत- 7 जुलाई 1924) भारत की आज़ादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान करने वाले वीर क्रांतिकारी शहीदों में से एक थे। उन्हें औपचारिक शिक्षा बहुत कम मिल पाई
द्वितीय विश्वयुद्ध विरुद्ध के दिनों ही भारत के क्रांतिकारी नेता #सुभाषचंद्रबोस अपनी योजना के अनुसार, ब्रिटिश जासूसों की आंखों में धूल झोंककर #अफगानिस्तान होते हुए जर्मनी जा पहुंचे जब विश्वयुद्ध दक्षि
भामाशाह दान की चर्चा होते ही भामाशाह का नाम स्वयं ही मुँह पर आ जाता है। देश रक्षा के लिए महाराणाप्रताप के चरणों में अपनी सब जमा पूँजी अर्पित करने वाले दानवीर भामाशाह का जन्म अलवर (राजस्थान) में 28 जू
वैज्ञानिक दृष्टिकोण:- विकास की पहली सीढ़ी बरसात होना प्राकृतिक घटना है इस पर विज्ञान के नियम लागू होते हैं। प्राकृतिक रूप से कम बरसात हो तो कृत्रिम बरसात बहुत बेहतर विकल्प है।दैवी-देवताओं की आ
गिरी दुर्ग के उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में सुशोभित नीमराणा का किला राजस्थान के अलवर जिले में अवस्थित है. पंचमहल के नाम से प्रसिद्ध इस किले का निर्माण 1464 ईस्वी में चौहान शासकों द्वारा करवाया गया था. र
मुगल सत्ता को जीवन भर चुनौती देने वाले महान स्वाभिमानी योद्धा, मारवाड़ के भूले-बिसरे राजा, मारवाड़ के महाराणा प्रताप, आख़िरी श्वास तक स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले राव चंद्रसेन जी राठौड़ की 480वीं जयंती पर
भीम जी पातावत और मराठा सेनापति डेबोइन का मेड़ता युद्ध – एक ऐसा युद्ध जिसमें मरुधरा के वीरों ने तोपों का मुक़ाबला तलवारो से किया । इस युद्ध में जो वीरता ओर बलिदान की गाथा लिखी गयी थी वह आज भी गीतों
ढबक ढबक ढौल बाजैं. दे दे ताल नगारा कीः आसा घर दुर्गो नी होवतो , तो सूनन्त होती सारा की।। तात्पर्य - आज आप ढौल नगारे बजाकर खुशियां मना रहे है आसकरण पुत्र दुर्गादास नही होता तो औरंगजेब की इस्लामिक
वीरांगना हाड़ी रानी क्षत्राणी को कोटि कोटि नमन हाड़ी रानी सलुम्बर के सरदार राव रतन सिंह चूङावत की पत्नी थी। शादी को महज एक सप्ताह हुआ था। न हाथों की मेहंदी छूटी थी और न ही पैरों का आलता। सुबह का स
सालों तक जीने की एक चाहत:- माइकल जैक्सन माइकल जैक्सन 150 साल जीना चाहता था! किसी सेे हाथ मिलाने से पहले दस्ताने पहनता था! लोगों के बीच में जाने से पहले मुंह पर मास्क लगाता था ! अपनी देखरेख करन
जैता जी, पंचायण (अखैराजोत) के पुत्र थे। ये बगड़ी के ठाकुर थे। मण्डोर पर राव जोधा का अधिकार होने पर इनके बड़े भाई अखैराज ने तत्काल अपने अँगूठे को तलवार से चीरकर रुधिर से जोधाजी के मस्तक पर राज-तिलक ल
भाटी गेट पाकिस्तान लाहौर (पंजाब, पाकिस्तान) की उन हरी दीवारों के मध्य केसरिया (राजपूती आन बान शान) और भाटी राजवंश के स्वर्णिम इतिहास को बयां करता यह भाटी दरवाजा। लाहौर शहर में स्थित यह भाटी गेट, म
सोमनाथ का मन्दिर लूट कर महमूद गजनबी वापिस गजनी जा रहा था। उसके साथ एक लाख सेना थी। एक पड़ाव पर जैसे ही सेना पहुँची कि डेढ़ सौ घुड़सवारों का एक जत्था लोहा लेने के लिये तीर की तरह बढ़ता आ रहा था ।
भारत से पाँच हज़ार किलोमीटर दूर तारीख 9 सितम्बर 1828 जगह रूस एक लेखक का जन्म हुआ। जिसने अपनी लेखनी को बुलंदी पे पहुचाया जिनकी रचनाओं को सम्राट मुँशी प्रेमचंद ने हिंदी अनुवादित किया, जिससे गाँधी ने पत्
श्रीमान मैं भारतीय इंजीनियर मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया... एक ट्रेन द्रुत गति से दौड़ रही थी। ट्रेन अंग्रेजों से भरी हुई थी। उसी ट्रेन के एक डिब्बे में अंग्रेजों के साथ एक भारतीय भी बैठा हुआ था। डिब्ब
बिना खड्ग बिना ढाल का काला सच... 11 सितम्बर 1857 आज का ही दिन था जब.... बिठूर में एक पेड़ से बंधी 13 वर्ष की लड़की को, ब्रिटिश सेना ने जिंदा ही आग के हवाले किया, धूँ धूँ कर जलती वो लड़की, उफ़ तक न बोली