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दोस्त का बेज्जत करना। पार्ट.1

18 अप्रैल 2024

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इंसान के जीवन की शुरुआत जब, इंसान का जन्म होता  है तब से हो जाति हे लेकिन जब  बच्चा बचपन की  शुरूवात करता है जैसे जैसे वह अलग अलग वातावरण में डलता हे जैसे की परिवार , आस,पड़ोस स्कूल , रिश्तेदार सहपाठी आदि के साथ साथ घुल मिल जाता हे  तो उसको दोस्तो की कमी महसूस होने लगती है।
क्यों की वह उनके साथ रहना ,खेलना, घूमना पसंद करता 
क्यों की यह सब करने से उसको  खुशी महसूस होती है।।

जिससे जीवन आनंद की अनुभूति हे ।ठीक उसी प्रकार  उसे जब वह उच्च शिक्षा या पढ़ाई करना हो तो  वह अपने गहरे मित्र या दोस्त  के साथ वही डिग्री डिप्लोमा या  उसी यूनिवर्सिटी में कालेज मे साथ साथ पड़ना पसंद करेगा ।जीवन के हर क्षेत्र या फिर  जैसे की खुशी या दुख में  अपनी बात या दिनचर्या के बारे में बताएगा या किसी समस्या  या विकट परिस्थितियों में  अपने गहरे एवम परम प्रिय मित्र से परामर्श करना पसंद करेगा । लेकिन जब जिंदगी का जब दौर आता है जब  पढ़ाई पूरी हो गई हो या 
शादी हो गई हो 
 या फिर व्यक्ति के जीवन में घर की संपूर्ण 
जिमेदारी आ गई हो तब अनुभव होता है की  हमारे 
  जीवन की  वास्तविकता तब सामने आती हे 
 जब पता चलता है की हमारा प्रिय मित्र कोन 

हमारा शुभचिंतक कोन हे ।क्यों की जीवन में हर प्रकार  के मित्र होते है।
 स्कूल ,कालेज , यूनिवर्सिटी, जॉब, मजदूरी, आस पड़ोस, रिश्तेदारी मित्र, गांव के,शहर के,अच्छे संस्कार के, बुरे संस्कार के, आदि अनेक प्रकार के मित्रता का आंकलन 
 जीवन की जब वास्तविकता से होता है।  कहने का मतलब जीवन वास्तविकता से उस माहौल से जो की घर परिवार की
 जिमेदारी का दायित्व समाहलते हे।
   क्यों की  जीवन की वास्तविकता मतलब यह होता है के की 
परिवार घर में किस सदस्य को क्या क्या जरूरत है और उसको  किस प्रकार पूरा करना यही हमारी जिमेदारी होती है।

तो यह समय इस स्थिति शुरू होता है जब  सभी मित्र  हमारे  
 अलग अलग तरीकों से अपना जीवन जी रहे होते है।
 सभी  अपने अपने परिवार के  लिए 
जिमेदारीयो के लिए कार्य कर रहे होते है।

अब इस समय की स्थिति कुछ और होती है। क्यों की
 कुछ मित्र प्रायवेट काम कर रहे ,कुछ शासकीय नोकरी, कुछ मजदूरी,कुछ खेती, कुछ अभी तक कुछ कर ही ना पाए, कुछ 

बहुत ज्यादा सफल हे, कुछ कम सफल हे , कुछ काम चला रहे हे,कुछेक किसी कारण वश  स्थिति खराब है, 
 
अब  इस परिवेस में  सफल मित्र ,जिनकी स्थिति खराब हे उनकी मदद करते या फिर ,कुछ मित्र जो  काम सफल हे वो भी, जिनकी स्थिति खराब उनकी मदद करते है।

या फिर ये भी देखा जाता हे की  , जिनकी कारणवश स्थिति खराब हे वो भी ,वो मित्र भी एक दूसरे की मदद करते हे 
 
लेकिन आज  कल  की सदी में ज्यादातर यह देखा जाता हे की
 जो सफल हे वह,और जो कम सफल मित्र हे।।

उनका यह देखा जाता हे की वह मित्र ,जो अपने जो मित्र जो  की किसी कारणवस अपना विकास  नही कर पाए या कोई अच्छा काम  या नोकरी या व्यवसाय कारणवश 
   जो अच्छा मुकाम समाज में हासिल नहीं कर पाए

उनका वह मित्र जो ज्यादा सफल या कम सफल लोग

उन मित्रो को बेज्जत करने में कोई कसर नही छोड़ते 
उनके साथ बदस्लुकियत से पेश आते है 

उनके साथ ऐसा व्यवहार किया जाता जैसे  मानो  
जीवन की सबसे बड़ी गलती कर दी हो 
बात बात पर प्रताड़ित करते मानो। मानो अगले जन्म का बदला ले रहे हो।

व्यवहार मानो जैसे  
बात करने में , बोल चाल , में  उनके बारे अलग ही नजरिया बनता है। जिस कारण से दोस्त ही  दोस्त बेजजत करता है।

                     
                
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                   । । धन्यवाद।।

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