सर उठाने की जगह मिलती नहीं, इस दुनिया में
रोज बिगड़ती है नियत लोगों की, इस दुनिया में
दिल के जख्म अब भरते नहीं, इस दुनिया में
पर उसे खुरेदने वाले बहुत मिल जाते हैं, इस दुनिया में
ना इश्क बचा है ना वफाएं,
अब बदली-बदली सी है हवाए, दुनिया में
कहने को तो लाखों लोग की भीड़ है, इस दुनिया में
पर तुम्हारे जैसा अब कोई नहीं इस शहर में।
Vishalramawat