जल्दी थीं ना तुम्हें छोड़ के जाने की,
तो अब क्यू बहाने बनाती हो वापस आने के लिए,
जब दुनिया के सामने हुई थीं जुदाई अपनी,
तो बचा ही क्या है अब छुपाने को,
लोग कहते हैं की क्या बुरा हुआ है साथ तुम्हारे,
तुम बताओ कि क्या रहा मेरे पास उन्हें बताने को,
उसके जाने का ये क्या असर हुआ है,
की आँसू ही ना रहे अब बहाने को,
दर्द सीने से कम क्यू नही होता,
कोई दवा है क्या इसे मिटाने को,
जिंदगी मोहब्बत की गुलाम नही रही,
शुक्रिया ताजुरब्बेकर बनाने के लिए।।
Vishalramawat