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मेरे दर्द

18 दिसम्बर 2021

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अपने ही दर्दो को अलफ़ाज़ दे के, अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै।
सामने समंदर है जिस की गहराई का पता नहीं क्या सोच के कागज़ की कश्ती बनाने लगा हूँ मै।
अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै........


ये  उदासी तेरे आने से पहले, और वो उदासी तेरे जाने के बाद।
खो सा गया हूँ मै खुद को पाने के बाद।
शायद मेरे अलफ़ाज़ हर किसी को समझ आए नहीं इसलिए अब खुद को ही समझाने लगा हूँ मै।
अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै........


खुली और बंद आँखों से जब भी देखा बस सपने ही आगोश मे थे...
कैसे मुंकिन था के हम मैखाने मे हो के भी होश मे थे....
एक ज़माने से रिश्तो की गाँठ को सुलझाने लगा हूँ मै।
अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै........

हम बदनाम हो गए जमाने मै अपनी इश्क की बुरी आदत के लिए,
मोहब्बत संभाले बैठे है हम तेरी नफरत के लिए,
आज दिल को दिल के जख्म दिखाने लगा हूँ मै।
अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै........



दिल को तेरी याद आये शायद जमाना हो गया,
ज़िन्दगी देने वाले तू कैलाश की की मौत का बहाना हो गया,
जाने क्यों इस ज़िन्दगी की पहेली को बुझाने लगा हूँ मै।
अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै........
ममता

ममता

सुंदर रचना

18 दिसम्बर 2021

Kailash chander

Kailash chander

19 दिसम्बर 2021

धन्यवाद जी

sayyeda khatoon

sayyeda khatoon

वाह बहुत बेहतरीन 👌👌👌👌

18 दिसम्बर 2021

Kailash chander

Kailash chander

19 दिसम्बर 2021

धन्यवाद जी

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रचनाएँ
एक कतरा आंसू ....
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ज़िन्दगी के सफर के हर पल को शब्दों मे संजोया सा है..... एक लम्हा ज़िन्दगी का पाया तो एक लम्हा खोया सा है.....
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मेरे दर्द

18 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">अपने ही दर्दो को अलफ़ाज़ दे के, अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै।</s

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ज़िन्दगी

18 दिसम्बर 2021
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थोड़ी हकीकत थोड़ा फसाना बाकी क्या है ज़िन्दगी।<br>थोड़ी ख़ुशी थोड़ी आंशुओ का बुलबुला है ज़िन्दगी।<br>थोड़ी ह

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हकीकत या फ़साना

18 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">थोड़ी हकीकत थोड़ा फसाना बाकी क्या है ज़िन्दगी।</span><br> <span style

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इश्क

18 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क, किस ओर रुख करें कोई खबर नहीं है....

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सफर ए जंदगी

19 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">अभी सफऱ मैं है, कुछ कदम चल ले, फिर नया इतिहास लिखेंगे......</span>

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फ़ासले

21 दिसम्बर 2021
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फासलों की मानो शुरुआत हुई है....<div>दिल दुखा है, जो अश्कों की बरसात हुई है।</div><div>फासलों की मान

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