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इश्क

18 दिसम्बर 2021

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कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क, किस ओर रुख करें कोई खबर नहीं है.....
कभी आओ बैठो फुरसत से मयखाने मे,मय मरने की दवा है साकी, कोई जीने का ज़हर नहीं है।
कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क.......



मेरे घऱ का आईना ,मुझे मेरा अक्स अब दिखाता नहीं है..
( चाहत ये है की कुदरत कुछ इस तरह बेरहम निकले..
वो खफा हो हम से और उन के आगोश मे दम निकले...)
या तो झूठा सा है आइना , या मेरे नजरिये मे असर नहीं है।
कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क.......



शायर तूने बोल दिया ओर लिख दिया इश्क....
पर इश्क क्या है तूने कभी जाना नहीं है.....
कहने को एक उम्र गुज़ार दी तूने जहाँ...
तू भी जानता है तेरा वो ठिकाना नहीं है......
सोचता है शायर, क्यों परिंदो का आसमान मे कोई घऱ नहीं है।
कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क.......


देखा है,अंदर से सिसकते और बाहर से,मुस्कुराते लोग....
जान लेते इश्क मे,ओर कुछ मौत को गले लगाते लोग....
वो जो दिल दे चुका है मौत को उस को ज़िन्दगी का डर नहीं है।
कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क.......




मोहब्बत के पल को दिल के किसी कोने मे संजोये हुए से है......
होश मे आएंगे तो करेंगे जरूर बयां, अभी खुद मे hi खोये हुए से है.......
कैलाश शायद यादों की ही है एहमियत यहाँ,
हकीकत की यहाँ किसी को कदर नहीं है।
कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क.......
ममता

ममता

उम्दा अभिव्यक्ति

18 दिसम्बर 2021

Kailash chander

Kailash chander

19 दिसम्बर 2021

धन्यवाद

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रचनाएँ
एक कतरा आंसू ....
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ज़िन्दगी के सफर के हर पल को शब्दों मे संजोया सा है..... एक लम्हा ज़िन्दगी का पाया तो एक लम्हा खोया सा है.....
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मेरे दर्द

18 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">अपने ही दर्दो को अलफ़ाज़ दे के, अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै।</s

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ज़िन्दगी

18 दिसम्बर 2021
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थोड़ी हकीकत थोड़ा फसाना बाकी क्या है ज़िन्दगी।<br>थोड़ी ख़ुशी थोड़ी आंशुओ का बुलबुला है ज़िन्दगी।<br>थोड़ी ह

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हकीकत या फ़साना

18 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">थोड़ी हकीकत थोड़ा फसाना बाकी क्या है ज़िन्दगी।</span><br> <span style

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इश्क

18 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">कुछ बेअदब कुछ बेमिजाज सा इश्क, किस ओर रुख करें कोई खबर नहीं है....

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सफर ए जंदगी

19 दिसम्बर 2021
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<span style="font-size:17px" ;="">अभी सफऱ मैं है, कुछ कदम चल ले, फिर नया इतिहास लिखेंगे......</span>

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फ़ासले

21 दिसम्बर 2021
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फासलों की मानो शुरुआत हुई है....<div>दिल दुखा है, जो अश्कों की बरसात हुई है।</div><div>फासलों की मान

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