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<p>थोड़ी हकीकत थोड़ा फसाना बाकी क्या है ज़िन्दगी।<br> थोड़ी ख़ुशी थोड़ी आंशुओ का बुलबुला है ज़िन्दगी।<br> थ
अपने ही दर्दो को अलफ़ाज़ दे के, अब लिखने और गुनगुनाने लगा हूँ मै।<div>सामने समंदर है जिस की गहराई का प