फरियाद किससे करे, किसे सुनायें इस दर्दे दिल की दास्ताँ
जिसे चाहें उसे कैसे भुलायें, कैसे अपने प्यार को एक भूलना दास्ताँ बनाये
चारों तरफ यादों के धुंध से, दुख के
बादल छाये
गम के कोहरे ने ली है अंगड़ाई
तेरी याद फिर से उमड़ आयी है
कोई खुशियाँ न भायें, इस मासूम से दिल को
जिंदगी में कोई महफ़िल न रास आये इस
संगदिल दिल को ।
धन्यवाद🙏