वो गाँव की सुरमयी शाम
वो बारिश का पानी
शाम सुहानी, वो यादें पुरानी
जीवन की अजीब कहानी
वो खेतों में सुबह, शाम घूमना
वो अल्हड़ सी मस्ती, वो चंचल मन
स्वतंत्र बचपन की वो शैतानी
चोटों की वो निशानी
कभी न भूलने वाली वो स्मृतियाँ सुहानी
पंख लगाकर मन का वो उड़ना
दिल में खुशियाँ, खिलती फूलों की कलियाँ
गाँव की अतीत की वो, वो महकती चहकती
पगडंडियां
याद आते हैं वो शाम के, खूबसूरत दृश्य
ढलते सूर्य की छटा, उड़ती गौधूलि का
सुनहरा रंग
मन को भाये गाँव की सुनहले रंग की छाया
गाँव की सुरमयी शाम की वो ढलती साया।
धन्यवाद🙏