तेरे इंतजार में बैठी हूँ दिल थाम के
कब तुम आओगे मेरे ख्वाबों को हकीकत बनाओगे
तेरे इंतज़ार में पथरा गयी हैं ये आँखे
दुख की बदली छायी है
आँखे बरस रही हैं बिन बारिश
दर्द ने गम की चादर डाली है
कब तुम आओगे
बसंत बहार के मौसम बीत गये
बारिश के मौसम भीआकर चले गये
पतझड़ के मौसम भी आ गये पर तुम न आये
तुम अब कब आओगे कोई तो संदेशा भिजवाओ
कब आकर तुम अपने गले लगाओगे
कब इस चाहत भरे दिल को अपना बनाओगे
कब मेरे लवों पर तेरे प्यार की खुशी और तेरे लिए दिल में दुआओं की फरिया/*द की दरकार न हो
तुम सदा मेरे करीब, मेरे पास हो
कब तुम आओगे, मेरे प्यार के दिए जलाओगे ।
धन्यवाद🙏